
इन्दौर। इंदौर में तैनात की गई 108 सेवा के साथ जननी सुरक्षा एंबुलेंस भी ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में मरीजों के लिए वरदान बन रही है। हालांकि इंदौर की बढ़ती आबादी को देखते हुए 54 एंबुलेंस का अमला कम नजर आता है, लेकिन अब तक पिछले महीने 2662 हितग्राहियों को 108 सेवा ने 15 से 20 मिनट में स्वास्थ्य लाभ दिलाया है। वहीं अस्पताल से लाने-ले जाने की सुविधा लगभग 1822 लोगों को उपलब्ध कराई गई। दुर्घटनाग्रस्त हुए लोगों का आंकड़ा 671 तक पहुंचा है, जो अपने आप में यह दर्शाता है कि रोड एक्सीडेंट के मामले शहर में बढ़ते जा रहे हैं।
आपातकालीन स्थिति में 108 सेवा के साथ-साथ जननी सुरक्षा व बेसिक सुविधा वाली एंबुलेंस भी तैनात की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में 34 व शहरी क्षेत्र में 20 एंबुलेंस लगाई गई हैं, जिनमें से कार्डियक अरेस्ट व सभी तरह की फैसिलिटी से लैस 7 एंबुलेंस तैनात हैं। वहीं बेसिक सुविधाओं के साथ काम करने वाली एंबुलेंस 29 हैं। जननी सुरक्षा योजना के तहत 18 वाहन ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं के लिए तैनात किए गए हैं।
पिछले जनवरी के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो पेट से संबंधित बीमारियों को लेकर 125 शिकायत पहुंचीं, जहां इन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। हार्ट अटैक के 58 मामले सामने आए हैं। वहीं जहर खाने वाले 42 मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचकर उनकी जान बचाने में डॉक्टर सफल रहे हैं। स्ट्रोक और रेस्पिरेटरी की परेशानी के बाद 70 से ज्यादा मरीजों ने इलाज के लिए 108 एंबुलेंस की मदद ली है। विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार नवजात शिशुओं की हालत बिगडऩे व उन्हें कुपोषण की स्थिति में अस्पताल पहुंचाने के लिए सेवा का इस्तेमाल किया जाता है। पिछले महीने लगभग 106 मामले प्रकाश में आए थे।
सबसे ज्यादा एक्सीडेंट शहरी क्षेत्र में
विभाग के आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने और सडक़ दुर्घटना में घायल हुए मरीजों को प्राथमिक चिकित्सा के साथ अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। 921 गर्भवती महिलाओं को जननी सुरक्षा वाहनों ने अस्पताल पहुंचाया है। वहीं 671 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें सडक़ दुर्घटना के साथ अन्य मामलों में घायल हुए मरीज अस्पताल भेजे गए हैं। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में एक्सीडेंटल केसों का मामला कम ही सामने आया है। शहरी क्षेत्र में हार्ट अटैक व एक्सीडेंट के साथ मिर्गी सहित अन्य समस्याओं के 352 से अधिक मामले रजिस्टर्ड हुए हैं, जिन्हें समय पर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एंबुलेंस पहुंचाई गई।
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