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बस्तर में इस साल ढेर हुए 79 नक्सली, टारगेट पर हैं हिडमा समेत ये नक्सली कमांडर

  • शंकर राव का हुआ खात्मा

नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने बड़ा एक्शन लिया है. कांकेर में सुरक्षा बलों ने मंगलवार को 29 नक्सलियों को एनकाउंटर में मार गिराया. इस मुठभेड़ में नक्सली कमांडर शंकर राव भी मारा गया. 2024 की शुरुआत के बाद से, माओवादियों के गढ़ बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ में 79 नक्सली मारे गए हैं.

हाल के दिनों में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ अपनी रणनीति में बदलाव किया है. नए ‘ऑपरेशन प्रहार’ में सुरक्षा बलों ने पिन पॉइंटेड ऑपरेशन किये हैं. बीते कुछ दिनों सुरक्षाबलों ने 2 बड़े ऑपरेशन किए हैं जिसमें मात्र 15 दिनों में 42 नक्सली ढेर किये जा चुके हैं. सूत्रों ने आजतक को बताया है कि नक्सली बैकफ़ुट पर हैं और सुरक्षा बलों का अपरहैंड है. ऐसे में सुरक्षा बलों ने टॉप नक्सली कमांडरों की एक हिट लिस्ट तैयार की है और आने वाले दिनों में इनके खिलाफ भी ऑपरेशन होगा.

सुरक्षा सूत्रों ने आजतक को जानकारी दी है कि ‘ऑपरेशन प्रहार’ के तहत उन बड़े नक्सलियों को निशाना बनाने की तैयारी है जो भोले भाले युवाओं का ब्रेनवाश कर उनको नक्सल गतिविधियों में शामिल करने के लिए उकसाते हैं. सुरक्षा बलों ने जो टॉप 17 की लिस्ट तैयार की है उसमें PLGA-1 का सबसे बड़ा नक्सली कमांडर मांडवी हिडमा शामिल है, जिसके बारे में सुरक्षा बलों को हाल ही में पता चला है कि वो सुकमा के जंगलों में छिपकर सुरक्षा बलों को निशाना बना सकता है.

सूत्रों के मुताबिक़ इस लिस्ट में सिर्फ हिडमा ही नहीं कई दूसरे नक्सली लीडर भी शामिल हैं. लिस्ट में मुप्पला लक्मना राव को सुरक्षा बलों ने टॉप लिस्ट में शामिल किया है, जानकारी के मुताबिक़ ये नक्सली कमांडर इस समय छत्तीसगढ़ के माड़ इलाके में अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. वहीं दूसरी तरफ़ प्रशांत बोस जो झारखंड के पास मौजूद सारंडा के जंगलों में अपनी नक्सली गतिविधियों को अन्जाम देता है, वह अभी ये कहीं घने जंगलों में छिपा है. सुरक्षा महकमे के सूत्रों के मुताबिक जल्द ही ये नक्सली या तो सरेंडर करेंगे या फिर उनको ‘ऑपरेशन प्रहार’ के तहत ढेर किया जाएगा.

टॉप 17 जो है सुरक्षा बलों के टॉरगेट पर

1- मुप्पला लक्मना राव- यह छत्तीसगढ़ के माड़ एरिया में अपनी गतिविधि चलता है.

2.नम्बला केशव राव- छत्तीसगढ़ के माड़ एरिया में अपनी गतिविधियों की अंजाम देता है.

3. मल्लराजी रेड्डी – यह नक्सली छत्तीसगढ़, आन्ध्र प्रदेश और ओडिशा के बॉर्डर पर अपनी गतिविधियों को चलाता है.

4. मल्लजुला वेणुगोपाल- यह इस नक्सली की गतिबिधिया छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के जंगलों में अपनी गतिविधियों को चलता है.

5. मिसिर बेसरा- झारखंड में अपनी नक्सली गतिविधियों को चलता है. झारखंड से भागकर कहीं और छुपा हुआ है.

6. चन्दरी यादव- यह नक्सली झारखंड में अपनी गतिविधियों को सुरक्षा बलों के खिलाफ़ चलाता है. छत्तीसगढ़ के जंगलों में जाकर छिपा हुआ है.

7. थीपानी थिरुपति- इसका एरिया छत्तीसगढ़ है जहां से ये अपनी नक्सली गतिविधियों को अंजाम देता है.

8. अक्की राज, हरगोपाल- यह नक्सली कमांडर खतरनाक है आन्ध्र प्रदेश और उड़ीसा के बॉर्डर पर सक्रिय है.

9. कदारत सत्यनारायण रेड्डी- यह नक्सली कमांडर छत्तीसगढ़ के बॉर्डर पर सक्रिय है.

10. पलूरी प्रसाद राव- यह खतरनाक नक्सली कमांडर छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में अपनी गतिविधियों को चलता है.

11. मॉडेम बालकृष्ण- यह ओड़िसा में अपनी गतिविधियों को चलता है.

12. रमन्ना- यह नक्सली कमांडर छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों को हमेशा निशाना बनाने की कोशिश में रहता है.

13. सुधाकर- यह झारखंड में नक्सली कमांडर है.

14. परवेज- खतरनाक नक्सली कमांडर है.

15. असीम मंडल- यह झारखंड और पश्चिम बंगाल में अपनी गतिविधियों को फैलता है.

16. हरी भूषण- यह छत्तीसगढ़ में अपनी नक्सली हिंसा को बढ़ाते हैं.

17. हिडमा- छत्तीसगढ़ में PLGA1 का खतरनाक कमांडर है, जो टॉप 17 नक्सलियों में सबसे खतरनाक है.

कौन है हिडमा

हिडमा ने 90 के दशक में नक्सली हिंसा का रास्ता चुना और तबसे कई निर्दोष लोगों की जान ले चुका है. वह माओवादियों की पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीजीएलए) बटालियन-1 का हेड है और ऐसे घातक हमले करता रहता है. पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य के इलाके में जो भी बड़े नक्सली हमले हुये हैं उसमें ज्यादातर जगहों पर NIA और दूसरी एजेंसियों का 25 लाख का वांछित हिडमा का ही नाम सामने आता रहा है. साउथ सुकमा के पुरवर्ती गांव में जन्‍में हिडमा को हिडमालू उर्फ संतोष के नाम से भी जाना जाता है. साल 2001 में वो नक्‍सलियों से जुड़ा था. हिडमा को ऐसा नक्‍सल कमांडर मानते हैं जिसने पूरे क्षेत्र में अपना सूचना तंत्र फैला रखा है.

AK-47 चलाने का सबसे पुराना विशेषज्ञ है हिडमा

हिडमा, बस्‍तर क्षेत्र के मुरिया जनजाति से आता है. उसके गांव में आज तक पुलिस का पहुंचना नामुमकिन माना जाता था, पर अब सुरक्षा बलों ने हिडमा के गांव मे अपना कैम्प खोल लिया है. हिडमा के बारे में जानकर ये भी कहते है कि हिडमा को गोरिल्‍ला युद्ध में ट्रेनिंग विदेश में मिली है और वो AK-47 चलाने का सबसे पुराना विशेषज्ञ है जो इसके कुछ ही मिनटों में फायरिंग कर सकता है. हिडमा ने पहले ही खुद को एक ऐसे कमांडर के तौर पर कायम कर लिया है जिसके पास रणनीति की कमी नहीं है. NIA के दस्तावेजों के मुताबिक हिडमा की उम्र इस समय 51 साल की है. सुरक्षा एजेंसियां इस समय इसकी गहन तलाश कर रही है.

नक्सलियों का खात्मा करने के लिए सुरक्षा बलों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है. सुरक्षा के लिहाज से बहुत सारी जानकारी हम नहीं दे सकते हैं लेकिन नक्सलियों के गढ़ में घुसने के बजाय अब पिन पॉइंटेड इंटेलिजेंस इन्फॉर्मेशन के हिसाब से ऑपरेशन किया जा रहे हैं. इसके साथ ही टेक्निकल गैजेट्स का भी सहारा लिया जा रहा है. सुरक्षा बलों को ग्राउंड पर एनटीआरओ की भी मदद मिल रही है जो रियल टाइम पिक्चर और वीडियो नक्सलियों के मूवमेंट की दे रही है. हाल फिलहाल में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों की गढ़ की मैपिंग भी की है और बचे हुए नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन की एक अलग स्ट्रेटजी तैयार की है जिसमें आने वाले समय में और बड़ी सफलताएं मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.

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