
शिवराज के रोड शो और सभा के साथ-साथ सिंधिया की सभा ने बनाया माहौल
इंदौर। प्रदेश में जिस तरह से 28 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस ने चुनाव लड़ा, उससे राजनीतिक विश्लेषकों ने अंदाजा लगाया था कि भाजपा 15 सीटों के आसपास सिमट सकती है, लेकिन अंतिम सात दिनों में भाजपा ने जिस प्रकार की रणनीति अपनाई, उसका फायदा प्रत्याशियों को मिला।
इस चुनाव में भी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ही भाजपा का चेहरा रहे और उन्हें आगे रखकर ही पूरा चुनाव लड़ा गया। इंदौर की सांवेर सीट पर तुलसी सिलावट की जीत 10 से 15 हजार के बीच मानी जा रही थी और खुद भाजपा के नेता कह रहे थे कि अगर अच्छा काम हुआ है तो सिलावट 25 हजार वोटों से जीत जाएंगे, लेकिन कल रात आए परिणाम ने भाजपा नेताओं को भी चौंका दिया और सिलावट 50 हजार से ऊपर वोटों से जीत गए। कांग्रेसियों ने टिकाऊ और बिकाऊ का मुद्दा आगे किया था, लेकिन जिस तरह से भाजपा ने इसके बदले चुनावी कैम्पेन चलाया उसने इस मुद्दे को गौण कर दिया था। संगठन में अपनी रणनीति के तहत आखिरी के सात दिनों में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर ही फोकस किया। चौहान की सांवेर क्षेत्र में चार सभाएं की गईं और दो रोड शो के माध्यम से उन्हें लोगों के बीच ले जाया गया। 29 अक्टूबर का रोड शो भाजपा के लिए काफी लाभदायक हुआ, जिसमें कुल 25 किलोमीटर का रूट रखा गया था और इसमें शहरी तथा ग्रामीण इलाके भी शामिल कर लिए गए थे। इसका फायदा भाजपा को अपने पक्ष में ही मिला। वहीं कैलाश विजयवर्गीय और नरेंद्रसिंह तोमर जैसे नेताओं की सभा ने भी अच्छा काम किया। आखिरी दौर में हुई दोनों नेताओं की सभा में बड़ी संख्या में लोग भी उमड़े। दूसरी ओर संगठन ने शहर के नेताओं को भी लगातार उनके क्षेत्र में जाने के लिए कह रखा था और इन पर मॉनीटरिंग के लिए दूसरे नेताओं को तैनात कर रखा था, जिससे किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो। एक बात तो साबित हो गई कि सांवेर क्षेत्र में न तो कांग्रेस के जुमले चले और न ही भाजपा के।
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