
पटना। शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की असमंजस से वाकिफ हो गए हैं, इसीलिए उन्होंने दिल्ली के बीजेपी मुख्यालय से स्थिति स्पष्ट कर दी। उन्होंने कहा कि बिहार आगे भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही आगे बढ़ेगा। सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार एलजेपी चीफ चिराग पासवान की चुनावी चाल से इतने आहत हैं कि वो फिर से मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने से संकोच कर रहे हैं।
बीजेपी के एक नेता कहा है कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी जेडीयू के निराशाजनक प्रदर्शन से हतप्रभ हैं और वो सीएम की कुर्सी फिर से संभालना नहीं चाहते। बीजेपी नेता ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, ‘वो (नीतीश) इस बात से काफी परेशान हैं कि चिराग ने जेडीयू के कम-से-कम 25 से 30 कैंडिडेट की जीत की उम्मीद पर पानी फेर दिया। हमने उनसे कहा कि वो सीएम बने रहें, भले ही बीजेपी गठबंधन की बड़ी पार्टनर के तौर पर उभरी है।’
243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में एनडीए को 125 सीटें जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं। बीजेपी 74 सीटों के साथ एनडीए घटक दलों में टॉप पर है जबकि जेडीयू को 43 सीटों पर सिमट गया है। वहीं, आरजेडी के हिस्से 75 सीटें आई हैं और वह बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस पार्टी को 19 सीटें और वामपंथी दलों को 16 सीटें मिली हैं। 2005 के विधानसभा चुनाव से अब तक जेडीयू का यह सबसे खराब प्रदर्शन है।
नीतीश ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, ‘जनता मालिक है।’ जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता कहा कि उनकी पार्टी के अंदर आम भावना है कि बीजेपी ने चिराग पासवान को रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान बीजेपी और जेडीयू के कार्यकर्ताओं के बीच भी सामंजस्य की कमी थी।
बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष डॉ. संजय जयसवाल, उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार शाम नीतीश कुमार से मुलाकात की। इसे एक शिष्टाचार भेंट बताया गया लेकिन कई जेडीयू नेता इसे बीजेपी की दिलेरी के रूप में देख रहे हैं। उनका मानना है कि बीजेपी नेता मायूस नीतीश का मनोबल बढ़ाने के लिए आए थे।
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