
नई दिल्ली । केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि रेलवे (Railways) का निजीकरण (privatized) नहीं किया जाएगा। भारतीय रेल (Indian Railways) जनता की है और जनता की रहेगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय रेल का निजीकरण नहीं किया जाएगा। इतने सालों से जो रेल का विकास होना चाहिए वह अभी तक नहीं हुआ है इसलिए भारतीय रेल पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत भागीदारी की जा रही है। वहीं, उनका कहना यह भी है कि जिस स्थिति में रेल का विकास होना चाहिए था वह विकास अभी तक नहीं हुआ है। अगर भारतीय रेलवे इसको 50 लाख करोड रुपए खर्च करें तब जाकर रेल का विकास हो इसलिए प्राइवेट भागीदारी का विकल्प चुना गया है। अगर कोई निजी ट्रेन चलाता है तो रेलवे का विकास ही होगा और जनता को सुविधाएं मिलेंगी।
कोरोना काल में ट्रेनों की संख्या को लेकर उन्होंने कहा कि ट्रेनों की संख्या डिमांड के आधार पर तय की जा रही है। कोरोना महामारी को लेकर रेलवे जल्दी में नहीं है। और इस ट्रैक पर किस तरीके की ट्रेन चाहिए ट्रेन चलाई जा रही है और इससे अब ट्रेनों की स्थिति भी सुधरेगी और विद्युतीकरण लाइन डालने से ट्रेनों की गति तेज भी होगी।
डीएमआईसी प्रोजेक्ट को लेकर श्री गोयल ने कहा कि यह प्रोजेक्ट काफी तेज गति से चल रहा है और डेडीकेटेड फ्रंट कॉरिडोर प्रोजेक्ट की खुद हर सोमवार को मॉनिटरिंग करते हैं। उन्होंने कहा कि यह कॉरिडोर जून 2022 में से पहले तैयार हो जाएगा। वर्ष 2022 में 15 अगस्त को जब भारत आजादी की 75 की वर्षगांठ मनाएगा उससे पहले यह कॉरिडोर शुरू हो जाएगा।
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