
घटता कोरोना… बढ़ता वैक्सीनेशन… मात्र 1205 मरीज ही बचे उपचाररत
इन्दौर। कोरोना संक्रमण की रफ्तार लगातार घटती जा रही है। अब पॉजिटिव दर डेढ़ प्रतिशत भी नहीं बची और इंदौर में फिलहाल मात्र 1205 कोरोना मरीज ही उपचाररत हैं। इनमें भी अधिकांश का इलाज होम आइसोलेशन में चल रहा है और निजी अस्पतालों में गिनती के मरीज हैं। लिहाजा अब निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा बंद की जा रही है। सिर्फ जनरल बेड पर ही गरीबों को इलाज मिलेगा। चार सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज की सुविधा रहेगी।
एक तरफ कोरोना संक्रमण की दर घट रही है, दूसरी तरफ वैक्सीनेशन बढ़ रहा है। कल तो लक्ष्य से ज्यादा वैक्सीनेशन हो गया। इंदौर में 24 घंटे में मात्र 44 नए कोरोना मरीज मिले और उपचाररत मरीजों की संख्या भी घटकर 1205 रह गई है। कोरोना की शुरुआत होने के बाद अरबिंदो और इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी गई थी, मगर अब जनरल बेड पर ही गरीब मरीजों को यहां इलाज मिलेगा। वहीं एमआरटीबी, एमटीएच, सुपर स्पेशलिटी और न्यू चेस्ट वार्ड में नि:शुल्क इलाज की सुविधा जारी रहेगी। वहीं दूसरी तरफ निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज जारी रहेगा। हालांकि वहां पर भी मरीजों की संख्या घट गई है। स्वास्थ्य आयुक्त ने एक बार फिर इंदौर सहित प्रदेश के सभी क्लिनिक और नर्सिंग होम को निर्देश दिए हैं कि वे कोरोना उपचार की निर्धारित की गई दरों को रिसेप्शन काउंटर पर ही प्रदर्शित करें और मरीजों या परिजनों द्वारा मांग करने पर उपलब्ध करवाई जाए।
संचालक स्वास्थ्य, सूचना शिक्षा संचार ब्यूरो वसंत कुर्रे ने बताया कि यह आदेश पूर्व में जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा नवम्बर 2020 में कोविड-19 की निर्धारित उपचार दरों को क्लिनिक और नर्सिंग होम में रिसेप्शन काउंटर पर प्रदर्शित करने के संबंध में पारित आदेश के अनुक्रम में निर्देश जारी किए गए हैं। संचालक कुर्रे ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश क्लिनिक्स एस्टेब्लिशमेंट और नर्सिंग होम संबंधी (उपचर्चागृहों एवं रूजोपचार संबंधी) रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन नियम-1997 की अनुसूची-2 के खण्ड(5) और 5(1)के प्रावधानों के तहत पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। इस मामले में यह भी स्पष्ट किया गया है कि क्लिनिक एवं नर्सिंग होम जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कोविड-19 की निर्धारित दरों की भेजी गई सूची में दर्शाई दरों से 40 प्रतिशत से अधिक प्राप्त नहीं कर सकेंगे। उपचार की निर्धारित दरों से 40 प्रतिशत से अधिक राशि लिए जाने की जानकारी प्राप्त होती है तो इसे जिला प्रशासन और उच्च न्यायालय को आवश्यक कार्रवाई के लिए भी भेजा जाएगा।
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