
कैलिफोर्निया। कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ अमेरिका (USA) समेत कई देशों में इस्तेमाल की जा रही फाइजर की वैक्सीन (Pfizer Vaccine) का असर 6 महीनों बाद बड़े स्तर पर कम हो रहा है. हाल ही में प्रकाशित हुई स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है. हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने और मौत के मामले में कम से कम 6 महीनों तक वैक्सीन (Vaccine) की प्रभावकारिता 90 फीसदी पर बनी हुई है. अमेरिका (America) में बुजुर्गों और कुछ नागरिकों को फाइजर का बूस्टर डोज (Booster Dose) दिया जा रहा है.
सोमवार को लैंसेट मेडिकल जर्नल (lancet medical journal) में प्रकाशित डेटा बताता है कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाने में फाइजर की वैक्सीन का प्रभाव दूसरे डोज के 6 महीनों बाद 88 फीसदी से 47 फीसदी पर आ गया है. हालांकि अच्छी खबर यह है कि डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी वैक्सीन अस्पताल में भर्ती होने और मौत के मामले में बेहतर सुरक्षा दे रही है. शोधकर्ताओं के मुताबिक डेटा दिखाता है कि आंकड़ों में गिरावट का कारण ज्यादा संक्रामक वेरिएंट्स के बजाए कम होती प्रभावकारिता है.
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