भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Former Chief Minister Uma Bharti) ने 2024 का अगला लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। हालांकि उमा भारती ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगी। उनके इस ऐलान से तीन लोकसभा सीटों पर कशमकश की स्थिति पैदा होने की संभावना है। भारती की पसंदीदा और राजनीतिक समीकरण में फिट बैठने वाली ये तीन सीटें भोपाल, खजुराहो और झांसी हैं।
छतरपुर जिले के गंज गांव (Ganj village of Chhatarpur district) में एक हनुमान कुटी मंदिर उमा भारती ने पूजा की। केन बेतवा लिंक परियोजना (Betwa Link Project) स्वीकृत होने के बाद उमा भारती ने रविवार को गंज गांव में हनुमान मंदिर पहुंची थीं। यहां उन्होंने इस योजना के लिए मन्नत मांगी थी। मंदिर में दर्शन के बाद उमा भारती ने सभा को संबोधित किया। यहीं उमा भारती ने 2024 में चुनाव लड़ने का ऐलान किया। इससे कई नेताओं की सांस अटक (leaders hold their breath) गई है। भाजपा नेता उमा भारती ने 2019 में चुनाव नहीं लड़ने के अपने ऐलान पर अमल करते हुए दूरी बनाई थी, लेकिन अब उन्होंने 2024 चुनाव में उतरने की मंशा जाहिर कर दी है। भारती की चुनाव लड़ने की मंशा से सबसे ज्यादा संकट की स्थिति खजुराहो और भोपाल लोकसभा सीट के मौजूदा सांसदों के लिए पैदा हो सकती है, क्योंकि खजुराहो भारती का पसंदीदा क्षेत्र है तो भोपाल से भी वो 1999 में सांसद रह चुकी हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में भोपाल में प्रज्ञासिंह (Pragya Singh in Bhopal) को कट्टरवादी छवि के लिए दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के सामने उतारा गया था। उमा भारती के चुनाव लड़ने के ऐलान से खजुराहो सीट पर ज्यादा असर पड़ेगा। भारती यहां से लगातार चार बार प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। वैसे भी मौजूदा सांसद विष्णुदत्त शर्मा को यहां अभी तक बाहरी माना जाता है। शर्मा मुरैना के रहने वाले हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर भारती अपने प्रयासों के बारे में बुंदेलखंड के लोगों को कई बार बता चुकी हैं। खासकर वे छतरपुर-खजुराहो में यह बातें खुलकर कहती रही हैं। खजुराहो के बाद उमा की पसंद की दूसरी सीट राजधानी भोपाल है। यह सीट उनके लिए भाग्यशाली रही है। उमा भारती 1999 में यहीं से सांसद बनी और अटलबिहारी बाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की सरकार में मंत्री भी रहीं। इस सीट पर साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकुर को दिग्विजय सिंह को कट्टरवादी छवि की वजह से उतारा गया था।
आने वाले चुनाव में अगर उमा भारती भोपाल लोकसभा सीट (Bhopal Lok Sabha seat) से उतरेंगी तो प्रज्ञा ठाकुर को किसी और सीट पर जाकर चुनाव लड़ना होगा। उमा भारती के लिए तीसरे विकल्प के रूप में झांसी लोकसभा सीट भी हो सकती है। इस पर उनकी इसलिए नजर होगी, क्योंकि यह बुंदेलखंड का सबसे प्रमुख शहर है। केन-बेतवा लिंक परियोजना को साकार रूप दिलाने के बाद उनका बुंदेलखंड के प्रति जुड़ाव को झांसी सीट से चुनाव मैदान में उतरकर वे प्रदर्शित कर सकती हैं। यहां से वे 2014 में लोकसभा सदस्य भी रह चुकी हैं।
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