भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

रोजगार देने के मामले में मप्र दूसरे स्थान पर

  • रोजगार के मोर्चे पर राहत, मार्च में बेरोजगारी दर 7.6 प्रतिशत पर आई
  • मप की बेरोजगारी दर 1.4 प्रतिशत हुई

नई दिल्ली/भोपाल। मार्च में भारत की बेरोजगारी दर में गिरावट देखने को मिली है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के मासिक आंकड़ों के मुताबिक, देश में बेरोजगारी की दर फरवरी में 8.10 प्रतिशत थी, जो मार्च में घटकर 7.60 प्रतिशत रह गई। वहीं मप्र में बेरोजगारी दर न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। मप की बेरोजगारी दर 1.4 प्रतिशत हो गई है। देश में इससे कम केवल छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 0.6 प्रतिशत है।



आंकड़ों के मुताबिक बीते मार्च महीने में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 0.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है। सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ देश में पहले नंबर पर है। वहीं मप्र दूसरे स्थान पर है। मप्र सरकार का दावा है कि नीतिगत फैसले और बेहतर कार्यप्रबंधन से लगातार युवाओं को रोजगार के अवसर राज्य में उपलब्ध हो रहे हैं, जिससे राज्य की बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट आ रही है। 3 अप्रैल 2022 की स्थिति में सीएमआईई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सर्वाधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में 26.7 प्रतिशत, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में 25-25 प्रतिशत, झारखंड में 14.5 प्रतिशत, बिहार में 14.4 प्रतिशत, त्रिपुरा में 14.1 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 12.1 प्रतिशत रही।

इन योजनाओं को मिला लाभ
प्रदेश में अधिक औद्योगिक निवेश लाकर नियोजन के अवसरों में वृद्धि की जा रही है। आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से स्व रोजगार हेतु विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ऋण एवं अन्य सुविधाएं मिल रही है। नए क्षेत्रों जैसे-वन, पर्यटन, श्रम, खनिज, सहकारिता आदि में रोजग़ार के अवसर सृजित हो रहे हैं। रोजगार के लिए हमारी 8 सूत्रीय रणनीति है। नई शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन कर कक्षा 6वीं से ही रोजगार मूलक शिक्षा प्रदान की जाए। शिक्षा और उद्योग जगत की मांग में गैप को भरने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। रोजगार चाहने वालों को नियोक्ताओं से जोडऩे के लिए ऑनलाईन प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाएगा। जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर रोजगार मेलों का नियमित आयोजन होगा। सरकारी भर्तियों के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाए जा रहे हैं।

नहीं हुआ था आर्थिक मंदी का असर
कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी देशव्यापी आर्थिक मंदी से मप्र की अर्थव्यवस्था अछूती रही। तब भी मप्र में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित रही। नए आंकड़ों के मुताबिक मप्र 1.4 प्रतिशत के साथ सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में दूसरेे स्थान पर है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश में बेरोजगारी दर 7.5 प्रतिशत है। शहरी बेरोजगारी दर 8.5 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 7.1 प्रतिशत है।

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