नई दिल्ली। आयकर रिफंड(income tax refund) भरने की आखिरी तारीख यानी 31 जुलाई, 2022 तक 5.44 करोड़ से ज्यादा रिटर्न दाखिल किए गए। जो करदाता किसी कारण से अपना रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएं वो अब पेनल्टी देकर रिटर्न दाखिल कर रहे हैं। इस सब के बीच जिन लोगों ने रिटर्न दाखिल कर लिया वो अब रिफंड मिलने का इंतजार (Waiting) कर रहे हैं। इनमें से कइयों के रिटर्न को प्रोसेस किया जा चुका है और उन्हें रिफंड (Income Tax Refund) जारी हो चुके हैं. रिटर्न की प्रोसेसिंग (ITR Processing) और रिफंड के लिए आईटीआर का वेरिफिकेशन (ITR Verification) जरूरी होता है।
अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो रिफंड मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं तो हम आपको रिफंड से जुड़ी पांच वो अहम जानकारी देने जा रहे हैं, जिसे आप नहीं जानते होंगे।
रिफंड पाने की पात्रताः
आयकर विभाग (Income tax department) की ओर से दी गई तिथि के भीतर या उसके बाद आईटीआर दाखिल करने वाले करदाता आईटीआर रिफंड के लिए पात्र होते हैं।
आईटीआर रिफंड पर मिलता है ब्याजः
अगर किसी करदाता ने 31 जुलाई 2022 की नियत तारीख के भीतर आईटीआर दाखिल किया है तो उसे 1 अप्रैल 2022 से आईटीआर रिफंड पर ब्याज मिलेगा।
आईटीआर रिफंड पर टैक्स के नियमः
आईटीआर रिफंड राशि एक आय है जिसे करदाता संबंधित वित्तीय वर्ष में पहले ही रिपोर्ट कर चुका है। इसलिए आईटीआर रिफंड की रकम पर टैक्स नहीं लगता है। हालांकि, आईटीआर रिफंड राशि पर अर्जित ब्याज व्यक्ति की शुद्ध वार्षिक आय के साथ ब्याज राशि जोड़ने के बाद करदाता पर लागू आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है।
आईटीआर रिफंड पर ब्याज की गणनाः
अगर कोई करदाता आईटीआर दाखिल करने के लिए दी गई तारीख के भीतर आईटीआर दाखिल करने से चूक गया है तो वह लेट फाइन देकर अपना आईटीआर दाखिल कर सकता है। हालांकि, जिसने 31 जुलाई 2022 के बाद आईटीआर फाइल किया हैए उसे 1 अप्रैल 2022 से आईटीआर रिफंड पर ब्याज नहीं मिलेगा।
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