
नई दिल्ली (New Delhi)। जी-20 देशों की वित्तीय समावेशन (Financial inclusion of G-20 countries) के लिए वैश्विक साझीदारी (जीपीएफआई) (Global Partnership – GPFI) से संबंधित चौथी बैठक शनिवार को संपन्न हो गई। तीन दिवसीय इस बैठक में प्रतिभागियों ने छोटे तथा मझोले उद्यमों को मजबूत बनाने, उपभोक्ताओं को डिजिटल भुगतान व्यवस्था (Digital payment system) से सशक्त बनाने और उपभोक्ता संरक्षण जैसे मुद्दों पर मुख्य रूप से चर्चा की।
वित्त मंत्रालय ने जारी एक बयान में बताया कि जीपीएफआई की मुंबई में आयोजित इस बैठक में डिजिटल भुगतान प्रणाली और इससे छोटे और मध्यम उद्यमों को होने वाले लाभों पर चर्चा की गई। बैठक में जीपीएफआई सदस्यों ने नई जी-20 वित्तीय समावेशन कार्य योजना के तहत सार्वभौमिक वित्तीय समावेशन के विजन की दिशा में काम जारी रखने पर सहमति जताई।
जीपीएफआई की तीन दिवसीय चौथी बैठक का आयोजन 14 से 16 सितंबर तक मुंबई में किया गया। इस बैठक को भारत के जी-20 मुख्य समन्वयक हर्ष वर्धन श्रृंगला, देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ वी. अनंत नागेश्वरन और नाबार्ड के अध्यक्ष केवी शाजी कुमार ने भी संबोधित किया। बैठक में 50 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें जी-20 देश, विशेष आमंत्रित देश और अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि जीपीएफआई को 2010 में सियोल में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में जी-20 देशों के नेताओं ने बनाया था। इसे जी-20 देशों, इच्छुक गैर-जी-20 देशों और कार्यान्वयन और संबद्ध भागीदारों के लिए एक समावेशी मंच के रूप में बनाया गया था।
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