
रुद्रप्रयाग। जंगल चट्टी (Jungle Chatti) के पास हिमालयन मंदिर (Himalayan temple) तक जाने वाले पैदल मार्ग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद सड़क मार्ग से केदारनाथ की तीर्थयात्रा शनिवार को रोक दी गई। रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे (Superintendent of Police Akshay Prahlad Conde) ने कहा कि केदारनाथ (Kedarnath) से लौट रहे तीर्थयात्रियों (Pilgrims) के साथ-साथ गौरीकुंड और सोनप्रयाग (Gaurikund and Sonprayag) से मंदिर के लिए निकलने वाले तीर्थयात्रियों को सड़क का 10-15 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त होने के बाद रोक दिया गया।
उन्होंने कहा कि सड़क के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत के बाद मार्ग पर आवाजाही फिर से शुरू कर दी जाएगी। इस बीच, केदारनाथ से वापस आने वाले रास्ते में फंसे तीर्थयात्रियों और दर्शन के लिए गौरीकुंड और सोनप्रयाग में इंतजार कर रहे तीर्थयात्रियों को लाने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग भी तैयार किया जा रहा है।
एसपी ने बताया कि शनिवार सुबह सड़क टूटने की सूचना मिलते ही पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रवाना हो गईं। कोंडे ने कहा कि वैकल्पिक मार्ग तैयार करने में मदद के लिए पीडब्ल्यूडी अधिकारी भी मौके पर हैं। इसका उपयोग फिलहाल तीर्थयात्रियों द्वारा किया जा सकता है।
एसपी ने कहा कि जंगल चट्टी के पास ट्रैक मार्ग क्षतिग्रस्त होने के बाद किसी भी तीर्थयात्री को सोनप्रयाग और गौरीकुंड से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि जब वैकल्पिक मार्ग तैयार हो जाएगा तो सबसे पहले मंदिर से नीचे आने वाले तीर्थयात्रियों को निकाला जाएगा।
कोंडे ने कहा कि पैदल केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने उनसे अनुरोध किया है कि वे जहां भी हैं, वहीं रुकें। सोनप्रयाग या गौरीकुंड पहुंचने की जल्दबाजी न करें। एसपी ने कहा कि उन्हें फाटा, गुप्तकाशी, रुद्रप्रयाग और श्रीनगर जैसी जगहों पर रहने या पहले आसपास के अन्य पवित्र स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि हवाई मार्ग से मंदिर की तीर्थयात्रा निर्बाध रूप से जारी है।
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