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चेस चैंपियन बनने पर डी गुकेश को 11.45 करोड़ में से मिले सिर्फ इतने रुपए, जानिए क्‍या थी वजह ?

December 19, 2024

नई दिल्‍ली । भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश (Indian Grandmaster D Gukesh) ने हाल ही में ऐसा करनामा कर डाला, जो आजतक कोई नहीं कर पाया. 18 साल के डी गुकेश ने वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप (World Chess Championship) जीतकर दुनिया के सबसे युवा चेस चैंपियन बन गए. वे चीन के डिंग लिरेन को हराकर चैपियन बने. गुकेश द्वारा वर्ल्‍ड चैंपियनशिप में इत‍िहास रचने के बाद उनपर पैसों की बारिश हुई और एक बड़ा प्राइस मनी मिला. हालांकि इसमें से कुछ अमाउंट उन्‍हें टैक्‍स के तौर पर देना पड़ जाएगा.

11.45 करोड़ रुपए का प्राइस
डी गुकेश के जीत के बाद उन्‍हें इनाम के तौर पर उन्‍हें 25 लाख डॉलर का अमाउंट मिला है. भारतीय ग्रैंडमास्टर के हिस्से में 13 लाख डॉलर यानी 11.45 करोड़ रुपये आए और इसमें तीन मैचों में जीत से प्राप्त 5.04 करोड़ रुपये भी शामिल हैं. हालांकि उनकी प्राइज मनी में से 42.5 प्रतिशत यानी 4.09 करोड़ रुपये टैक्स के तौर पर देना पड़ेगा. ऐसे में गुकेश के पास सिर्फ 7.36 करोड़ रुपये ही बचेंगे. आइए समझते हैं ये टैक्‍स का मैथ…


प्राइस मनी पर भारत के टैक्‍स का नियम
भारत में टैक्‍स एनुअल इनकम पर भले ही टैक्‍स स्‍लैब के मुताबिक लगता हो, लेकिन प्राइस मनी या ऑनलाइन गेम से जीती गई रकम पर टैक्‍स का नियम अलग है. बिजनेस टुडे के मुताबिक, भारत में प्राइस मनी ‘अन्‍य सोर्स से इनकम’ के तहत आती है, जिस पर 30 फीसदी की एनुअल से टैक्‍स लगता है. इसमें 15 फीसदी सरचार्ज (1 करोड़ रुपये से ज्‍यादा आय के लिए) लगता है.

टैक्‍स कैलकुलेशन
बेसिक टैक्‍स (30%): 11.45 करोड़ रुपए × 30% = 3.43 करोड़ रुपए
सरचार्ज (15%): 3.43 करोड़ रुपए × 15% = 50.52 लाख रुपए
हेल्‍थ एंड एजुकेशनल सेस (4%): 3.43 करोड़ रुपए × 4% = 13.74 लाख रुपए
कुल मिलाकर गुकेश की कुल टैक्‍स देनदारी लगभग 4.09 करोड़ रुपए है.

यह कैलकुलेशन दोहरे टैक्‍स नियम पर सवाल उठाता है. क्योंकि जीत सिंगापुर में हुई थी. जबकि गुकेश एक भारतीय निवासी है और प्राइस मनी संभवतः भारत में ही दी गई है, इसलिए भारत और सिंगापुर के बीच दोहरे टैक्‍सेशन से बचाव समझौते (DTAA) से कोई खास राहत नहीं मिल सकती है. इस राशि पर मुख्य रूप से भारतीय नियमों के तहत टैक्‍स लगाया जाएगा.

यह सिलस‍िला यहीं तक नहीं रुकेगा, बल्कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया 5 करोड़ रुपये की प्राइस भी टैक्‍स के दायरे में आता है, क्योंकि यह आयकर अधिनियम की धारा 10(17ए) के तहत छूट के योग्य नहीं है.

यह कैलकुलेशन भी देखें
बेसिक टैक्‍स (30%): 5 करोड़ रुपए × 30% = 1.5 करोड़ रुपए
सरचार्ज (37%): 1.5 करोड़ रुपए × 37% = 55.5 लाख रुपए
सेस (4%): 4% (1.5 करोड़ रुपए + 55.5 लाख रुपए ) = 8.2 लाख रुपए
इससे कुल टैक्‍स देनदारी लगभग 2.14 करोड़ रुपए हो जाती है, जिससे गुकेश के पास 2.86 करोड़ रुपए की शुद्ध राशि बचती है.
कुल मिलाकर, गुकेश की 11.45 करोड़ रुपए और 5 करोड़ रुपए की कुल प्राइस पर लगभग 6.23 करोड़ रुपए का भारी टैक्‍स देना पड़ रहा है, जिसमें कटौती के बाद उनके पास लगभग 10.22 करोड़ रुपए ही बचेंगे.

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