
इंदौर। आयकर विभाग ने पिछले दिनों कॉटन व्यापारियों के साथ-साथ रियल इस्टेट, बांध और सडक़ निर्माण करने वाले ठेकेदारों के अलावा मीडिया से जुड़े समूह के ठिकानों पर छापे डाले थे, जिनमें से अधिकांश जगह जांच-पड़ताल पूरी हो चुकी है। आयकर सूत्रों के मुताबिक इंदौर के दो बड़े बांध और सडक़ों के निर्माण से जुड़े ठेकेदारों ने लगभग 51 करोड़ रुपए की अघोषित आय स्वीकार की है। इन ठेकेदारों की एक काबिना मंत्री से भी नजदीकी बताई जा रही है, जिसके चलते संबंधित विभागों में आसानी से ठेके मिल जाते हैं। दूसरी तरफ दीक्षित परिवार के ठिकानों पर भी जांच-पड़ताल पूरी हो गई और करोड़ों रुपए की ज्वेलरी और नकदी मिलने की जानकारी सामने आई है। हालांकि आयकर विभाग ने अभी तक अपने इन छापों के संबंध में अधिकृत सूचना मीडिया को नहीं दी है।
वित्त वर्ष में सभी विभाग अपने सालाना लक्ष्य की पूर्ति में जुटे हैं, जिसमें आयकर विभाग भी शामिल है, जिसके चलते छापे-सर्वे की कार्रवाई अब लगातार होगी। वहीं दूसरी तरफ पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर प्रदेश में चल रहे कपास व्यापारियों के बड़े घोटाले की जानकारी दी थी, जिसके बाद कई फर्मों पर कार्रवाई भी हुई और उसी कड़ी में अभी आयकर विभाग ने भी छापे डाले। इंदौर, भोपाल, रायसेन, खरगोन सहित अन्य जगहों पर आयकर विभाग की टीमों ने अलग-अलग जांच-पड़ताल की, जिसमें कॉटन कारोबारियों के साथ रियल इस्टेट और अन्य समूह शामिल रहे। इंदौर में भी आयकर विभाग ने अपनी कार्रवाई की, जिसमें मीडिया से जुड़े दीक्षित परिवार के भी इंदौर-भोपाल के ठिकानों पर छापे डाले गए और कल यह जांच पूरी भी हो गई।
रियल इस्टेट के कारोबारी हर्ष जैन और तृप्ति जैन के यहां हुई कार्रवाई में बोगस बिलिंग का मामला सामने आया, जिन्होंने इंदौर में ही करोड़ों रुपए का भव्य बंगला भी बनाया। वहीं कॉटन कारोबार से जुड़े ब्रोकर अभिषेक अग्रवाल और शर्मा सहित रजत जोशी के यहां भी छापे में बोगस और फर्जी बिलिंग की जानकारी सामने आई। दूसरी तरफ इंदौर के दो ठेकेदार केजी गुप्ता और दिनेश गुप्ता के ठिकानों पर भी छापामार कार्रवाई हुई। उषा नगर, सुदामा नगर सहित अन्य ठिकानों पर मारे गए इन छापों में पता चला कि ये दोनों ठेकेदार बांध और सडक़ निर्माण के बड़े ठेके लेते हैं और लगभग 51 करोड़ रुपए की अघोषित आय भी मिले दस्तावेजों के आधार पर उजागर हुई है। आयकर छापों की यह कार्रवाई कई स्थानों पर एक साल अल सुबह की गई, जिसमें स्थानीय पुलिस बल का भी इस्तेमाल किया गया। इंदौर, भोपाल, खरगोन सहित अन्य जगह कॉटन, रियल इस्टेट सहित निर्माण कार्यों से जुड़ी फर्मों पर इस छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया गया, जिसमें मीडिया समूह भी चपेट में आया, जिसके खिलाफ पुलिस में भी दो बार इस तरह की कार्रवाई हो चुकी है। इंदौर के जिन दो ठेकेदार समूहों पर कार्रवाई की गई उनके बारे में यह जानकारी भी सामने आई कि वे एक बड़े काबिना मंत्री के नजदीकी रहे, जिसके चलते बांध और सडक़ निर्माण के बड़े ठेके इन्हें आसानी से मिलते रहे हैं।
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