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गर्मी शुरू, इंदौर शहर की बिजली मांग 760 मेगावाट तक पहुंचेगी

February 21, 2025

  • गर्मी में 1 डिग्री तापमान बढ़ा तो पांच यूनिट बिजली खर्च होगी एक दिन में
  • दो लाख से ज्यादा एयरकंडीशनर चलते हैं शहर में अप्रैल-मई में

इंदौर। गर्मी (Summer) की दस्तक शुरू हो चुकी है। अगले चार महीनों (Four Months) में शहरी सीमा (Urban boundary) में बिजली (electricity) का उपयोग सर्वाधिक रहेगा। गर्मी में इंदौर शहर की एक तरफ बिजली मांग मप्र के अन्य शहरों में सबसे ज्यादा हो जाती है, वहीं शहर की बिजली मांग पिछले वर्षों का भी रिकॉर्ड तोडऩे में देरी नहीं करती है। इस बार गर्मी के दौरान अप्रैल-मई में अधिकतम बिजली मांग 760 मेगावाट से ज्यादा हो सकती है।



शहर में साढ़े सात लाख से ज्यादा विद्युत उपभोक्ता हैं। इनमें से सवा छह लाख घरेलू उपभोक्ता व अन्य श्रेणी के यानी संस्था, मंदिर इत्यादि, 1.20 लाख गैरघरेलू, यानी व्यापारिक उपभोक्ता हैं। इसके अलावा पांच हजार से ज्यादा औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ता हैं। इनकी बिजली खपत प्रतिदिन यूनिट में वर्ष के दौरान औसत 90 लाख यूनिट होती है। वर्ष में न्यूनतम खपत एक-दो दिन के लिए 65-70 लाख यूनिट तक भी पहुंच जाती है। वहीं गर्मी में मार्च से लेकर जून तक बहुत ज्यादा बिजली मांग होती है। अप्रैल और मई में तो सर्वाधिक मांग बनी रहती है। इन दोनों माह के दौरान ही प्रतिदिन खपत कई बार डेढ़ करोड़ यूनिट तक पहुंच जाती है। इसका कारण एक ओर घरों में बच्चों की छुट्टियों के कारण घरेलू खपत का बढऩा, गर्मी में शीतलता के लिए पंखे, कूलर एयरकंडीशनर का उपयोग, फ्रीज में बार-बार खाद्य, पेय पदार्थों को ठंडक के लिए रखना होता है। एक अनुमान है कि शहर में करीब बीस लाख पंखे, छह लाख फ्रीज, तीन लाख कूलर एवं दो लाख एयरकंडीशनर हैं। इसके अलावा बल्ब, ट्यूब, पानी की मोटर, टीवी, कम्प्यूटर, प्रेस, चिमनी, मोबाइल चार्जर, टैबलेट, डोरबेल, एक्जास्ट, हीटर समेत कुल 20 प्रकार के उपकरण बिजली लेते हैं। इसी कारण गर्मी में खपत अन्य माह की तुलना में शीर्ष स्तर तक पहुंच जाती है। इस बार गर्मी में खपत 760 मेगावाट के पार होने की संभावना है। पिछले सप्ताह ही आरडीएसएस की समीक्षा के दौरान प्रबंध निदेशक अनूपकुमार सिंह ने शहर में अतिरिक्त ट्रांसफार्मर एवं मेंटेनेंस के कार्य समय पर कराने के निर्देश दिए, ताकि गर्मी में लोड बढऩे से आपूर्ति में आसानी हो।

गर्मी में मांग बढऩे का गणित
गर्मी में एक ओर जहां सभी गतिविधियां संचालित होती हैं तो बिजली की मांग अपेक्षाकृत ज्यादा होती है। वहीं 38 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान पहुंचने पर प्रति एक डिग्री तापमान की बढ़ोतरी पर पांच लाख यूनिट बिजली खपत बढऩे लगती है। इसलिए अनुमान है कि यदि तापमान 42 डिग्री तक पहुंचा तो अधिकतम बिजली मांग 760 मेगावाट तक पहुंच सकती है। यदि 44 डिग्री या अधिक हुआ तो अधिकतम मांग 780 मेगावाट तक भी स्पर्श कर सकती है।

गर्मियों में प्रमुख शहरों की अधिकतम बिजली मांग
भोपाल 550, जबलपुर 400, ग्वालियर 320, उज्जैन 240, रतलाम 123, देवास 120 मेगावाट।
शहर में अधिकतम बिजली मांग
2019 541 मेगावाट
2020 400 कोविड प्रभाव
2021 480 कोविड प्रभाव
2022 595 मेगावाट
2023 620 मेगावाट
2024 723 मेगावाट
2025 760 आंकलित

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