
इंदौर। प्रशासन को दिए गए 120 करोड़ के टारगेट में से अब तक सिर्फ 45 करोड़ की वसूली हो पाई है। अब लक्ष्य हासिल करने के लिए कलेक्टर ने जहां बड़े बकायादारों की सूची तलब की है, वहीं हर दिन तहसीलदारों और एसडीएम को एक करोड़ का टारगेट दिया है। हाल ही में चलाए गए अभियान की भी समीक्षा की गई।
नए वित्त वर्ष की शुरुआत के पहले प्रशासन राजस्व वसूली के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है जहां कलेक्टर ने व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सूची बनाने के निर्देश दिए है, वहीं कॉलोनियों के बकायादारों के यहां भी नोटिस चस्पा किए जा रहें है। हाल ही में लक्ष्मीबाई अनाज मंडी से 95 लाख रूपए की वसूली की गई है, वहीं आईडीए से भी लगभग सात करोड़ रूपए वसूले गए है, लेकिन अब यहीं वसूली अब अधिकारियों में आपसी ठनी का भी कारण बनकर सामने आ रही है।
सात करोड़ लेगा कौन?
इंदौर विकास प्राधिकरण के तर्फे इंदौर की तीन तहसीलों की बड़ी बकायादारी सामने आई है लगभग प्रत्येक तहसील को आईडीए से पांच पांच करोड़ वसूलने हैं और अभी हाल ही में उक्त विभाग से सात करोड़ रूपए जमा कराए गए हंै, जिसे अब किस तरह से बंटवारा किया जाए ये तय नहीें हो पा रहा है। जूनी इंदौर तहसील जहां उक्त राशि में से दो करोड़ से अधिक की राशि की मांग कर रही है, वहीं मल्हारगंज व राऊ तहसील भी बड़ी राशि लेना चाह रही है। ज्ञात हो कि, प्रत्येक तहसील को 20 करोड़ से ज्यादा का टारगेट दिया गया, जिसे पूरा करने और अपने नंबर बढ़ाने के लिए एसडीएम और तहसीलदारों में खींचतान हो रही है।
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