
इन्दौर। हमारे शहर (Indore) को एक उत्सवप्रिय (festive) शहर के रूप में जाना जाता है। यह शहर इतना उत्सवप्रिय है कि चाहे कहीं कोई कार्यक्रम हो रहा हो, कहीं कोई सितारा (Star) आ जाए, कहीं कोई उत्सव मनाया जाए तो हर जगह शहर के लोगों की भीड़ (Crowd) जमा हो जाती है। ऐसी ही उत्सवप्रियता कल रात को उस समय नजर आई, जब बीआरटीएस (BRTS) को हटाने का काम शुरू किया जा रहा था। उस मौके पर बड़ी संख्या में लोग जीपीओ चौराहे पर केवल यह देखने के लिए पहुंच गए थे कि किस तरह से बीआरटीएस को हटाया जाता है।
4 महीने लगेंगे क्चक्रञ्जस् हटाने में
बीआरटीएस को हटाने के लिए नगर निगम द्वारा जो प्रारंभिक योजना तैयार की गई है, उसके अनुसार 11.5 किलोमीटर लंबे बीआरटीएस को हटाने में 4 महीने का वक्त लगेगा। निगम ने योजना बनाई है कि इस बीआरटीएस को पूरा हटाने और जाली का बेस तोडऩे के बाद सडक़ पर सेंट्रल लाइन डालकर रोड डिवाइडर बनाया जाएगा। बीआरटीएस को हटाने की कार्रवाई को नगर निगम द्वारा कितने साधारण तरीके से लिया गया यह इसी से समझा जा सकता है कि इस मौके पर निगम का कोई बड़ा अधिकारी अथवा जनप्रतिनिधि वहां नहीं पहुंचा। निगम द्वारा इसे हटाने का काम स्मार्ट सिटी कंपनी को दिया गया था। इस कंपनी के मुख्य कार्यपालिक अधिकारी दिव्यांग सिंह भी मौके पर नहीं आए।
जहां-जहां तोड़ा वहां-वहां बाहर चलने लगीं आई बसें
बीआरटीएस को हटाने की कार्रवाई कल रात शुरू की गई थी और देर रात तक यह काम चलता रहा। जिन हिस्सों में तोडफ़ोड़ कर रैलिंग हटाई गई, वहां बाहर के हिस्सों में मिक्स लेन में बसें चलने लगीं। शिवाजी वाटिका, जीपीओ क्षेत्र में कई जगह रैलिंग हटाई गई थी और आज सुबह भी कई लोग वहां हटाई गई रैलिंग को देखने पहुंचे थे। वहां से गुजरने वाली कई सिटी बसें रैलिंग हटाने के बाद मिक्स लेन में से गुजरीं और कल रात को ही हटाई गई रैलिंग को सडक़ों से टीमें उठाकर ले गई थीं, ताकि सुबह वहां यातायात में व्यवधान न हो।
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