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जलती धरती पर त्याग, तपस्या का पैदल विचरण

April 27, 2025

  • 388 संतों ओर साध्वियों के साथ जिन शासन के जयकारों से इंदौर गूंजा
  • महावीर बाग से निकला मंगल प्रवेश जुलूस…
  • – 7 किलोमीटर के मार्ग पर हजारों श्रद्धालुओं ने सुबह 5 बजे से ही पलक पावड़े बिछाए
  • – आज से 2 मई तक आयोजित होगा सुमतिधाम पर पट्टाचार्य महोत्सव
  • – नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सहित कई गणमान्य नागरिक हुए शामिल
  • – 50 से अधिक विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने मंचों से की अगवानी

इन्दौर। केशरिया परिधानों में सजे हजारों श्रद्धालुओं, जैन समाज के प्रतीक ध्वजा, क्षत्रियों के साथ भगवान के जन्म से संबंधित 16 सपनों के मंगल प्रतीक, ऊंट, बग्गी, घोड़े, हाथी व लाव-लश्कर के साथ आज सुबह गांधीनगर क्षेत्र न केवल जिन शासन के जयकारों से गुंजायमान हुआ, बल्कि जैन समाज के अद्भुत और भव्य आयोजन का साक्षी भी बना। गांधी नगर स्थित श्री सुमतिनाथ दिगम्बर जिनालय गोधा एस्टेट में 6 दिवसीय पट्टाचार्य महोत्सव प्रभात फेरी के साथ आज से शुरू हुआ। किन्नर समाज ने पहली बार इंदौर के किसी सामाजिक आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और सैकड़ों की तादाद में शामिल हुए, मुनि महाराज और आर्यका संघ की अगवानी की।

घोड़े ,बग्गी ,हाथी हजारो की तादाद में जैन धर्म के प्रतीक झंडों को थामे बच्चे युवा ओर महिलाएं मंगल गीत गाते हुए जुलूस में चल रहे थे, वहीं 388 से अधिक संतों ने भी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। प्रवेश जुलूस महावीर बाग से सुमतिधाम तक निकला । सुबह 5 से ही यात्रा मार्ग के डिवाइडर पर धर्मावलंबी अपनी जगह रोक कर बैठे हुए थे, जैसे ही गुरुओं की अगवानी में शोभायात्रा शुरू हुई, सात किलोमीटर के दायरे में पैर रखने की भी जगह नहीं थी। श्री सुमतिनाथ दिगंबर जिनालय गोधा एस्टेट, पट्टाचार्य महोत्सव समिति एवं गुरू भक्त परिवार ने बताया कि सुमतिधाम पर पट्टाचार्य महोत्सव विधानाचार्य धर्मचन्द्र शास्त्री, चन्द्रकांत ईंडी, नीतिन झांझरी के निर्देशन में संपन्न होगा। मनीष-सपना गोधा ने बताया कि महोत्सव के पूर्व ही सुमतिधाम पर शनिवार से ही गुरू भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका था, 28 राज्यों व विदेशों से आने वाले गुरू भक्तों ने जहां हाथों हाथ काउंटर पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया तो वहीं कुछ परिवारों ने अपना स्थान सुनिश्चित कर चौके भी लगा लिए। आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज सहित अनेक संतों की आहार चर्या के लिए सुमतिधाम पर 360 चौके लगाए गए हैं। इन्हीं चौकों में प्रतिदिन संतों की आहारचर्या संपन्न होगी।

संतो का हुआ समागम
गुरू भक्त परिवार ने बताया कि सुमतिधाम के देशना मण्डप में आचार्यश्री विशुद्ध सागर जी, गणाचार्य पुष्पदंत सागर जी महाराज आचार्य प्रज्ञा सागर जी, आचार्य सुन्दर सागर जी, आचार्य विशद सागरजी, आचार्य विभव सागर जी, आचार्य विहर्षसागर जी,आचार्य विनिश्चय सागर जी, आचार्य विनम्र सागरजी आचार्य प्रसन्न ऋषिजी, आचार्य विप्रणत सागरजी आचार्य विभक्त सागर जी,उपाध्याय विशोक सागर जी, विनिश्चल सागरजी, विशेष सागरजी, विश्रुत सागरजी,विहसंत सागरजी, विभंजन सागरजी, विकसंत सागरजी, विरंजन सागरजी, गणधर मुनि विवर्धन सागर सहित अनेक संत देशना मण्डप में विराजमान होगे। आचार्यश्री के दर्शनों के लिए समग्र दिगंबर जैन समाज सहित गुरू भक्त परिवार भी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनें।

विजयवर्गीय भी संतों और समाजजनों के साथ पैदल चले
जैन समाज के सबसे बड़े महोत्सव में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी पैदल चले, उनके साथ मनीष-सपना गोधा, राजकुमार पाटौदी, नवीन गोधा कैलाश वेद , सतीश जैन, मनीष अजमेरा , निर्मल सेठी , मुकेश टोंग्या , नकुल पाटोदी , जिनेश झंझरी , वीरेंद्र बडजात्या , पिंकेश टोंग्या , डी के जैन सहित शहर जैन समाज के वरिष्ठजन उपस्थित थे।

यातायात बाधित न हो विशेष व्यवस्थाए की ,वालेंटियर तैनात
आचार्य विशुद्ध सागर महाराज अपने ससंघ सहित इस मंगल प्रवेश जुलूस में शामिल हुए। उनके साथ ही 400 से अधिक आचार्य, उपाध्याय गणधर , प्रवर्तक, मुनि, आर्यिका गणिनी, ऐलक, क्षुल्लक महाराज भी इस अभूतपूर्व शोभायात्रा मेें अपना सान्निध्य प्रदान करेंगे। यात्रा में इन्दौर सहित कई राज्यों के गुरू भक्त इस मंगल प्रवेश जुलूस के साक्षी बनें। जुलूस में युवा जैन ध्वजा थामे शामिल हुए थे तो अलग-अलग क्षेत्रों से आई महिला मंडल भजनों की प्रस्तुतियां दें रही थी। शोभायात्रा के अग्र भाग में 12 अश्व, 4 ऊंट, 2 हाथी, 16 बग्घि, 5 विंटेज कार, बैंड़-बाजे, कलशधारी महिलाएं, अष्ट मंगल के साथ ही नासिक के ढोल अपनी प्रस्तुति देते हुए चलें। यात्रा में यातायात बाधित न हो इसका भी विशेष ध्यान रखा गया। महावीर बाग से सुमतिधाम 7 किलोमीटर के इस मार्ग में सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए थे।

पट्टाचार्य महोत्सव में सैकड़ों संतों की किन्नर समाज ने की अगवानी

शुभ आयोजनों पर नेग लेने के लिए आने वाले किन्नर समाज आज गुरुओ से आशीर्वाद लेते नजर आए। पीले परिधानों में गहनों से सजे किन्नर भगवान जिन शासन देव के जयकारे भी लगा रहे थे। किन्नरों ने बताया कि जैन मुनियों के तप और त्याग से सभी धर्मों की तरह किन्नर समाज भी प्रभावित है। आज वे नेग लेने नहीं, बल्कि आशीर्वाद लेने आए है ताकि उनका भी अगला जन्म सुधर जाय और परभव में वे भी अपना उद्धार कर सके।

देशना मंडप का लोकार्पण
मंगल प्रवेश जुलूस के पश्चात सुबह 8.30 बजे हजारों समाज बंधुओं की मौजूदगी में आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज सुमतिधाम में बने देशना मंडप का लोकार्पण किया। इसके पश्चात आचार्यश्री के सान्निध्य में स्वागत उद्बोधन, चित्र अनावरण, दीप प्रज्जवलन, पाद पक्षालन, शास्त्र भेंट संपन्न हुआ।

दूधिया रोशनी से जगमग हुआ सुमतिधाम, बुजुर्गो व बच्चों के लिए की ई-रिक्शा की व्यवस्था
गुरू भक्त परिवार ने बताया कि 6 दिवसीय पट्टाचार्य महोत्सव की तैयारियां पूर्ण हो चुकी है। 65 एकड़ में आयोजित होने वाले इस महाकुंभ में डोरमेंट्री, एयर कंडीशन कॉटेज, ज्ञानशाला, विराग उदय, आचार्यश्री विराग सागर महाराज द्वारा लिखित शास्त्र प्रदर्शनी, बाल संस्कार शिविर, प्ले झोन, इमर्सिव झोन, स्वर्ग, नर्क, समवशरण रचना, चाय-काफी शॉप सहित अनेक अभूतपूर्व व्यवस्थाएं की गई है। आचार्यश्री विशुद्ध सागर के पट्टाचार्य महोत्सव के स्थल को देशना मंडप नाम दिया गया है जिसमें हजारों गुरू भक्तों की बैठने की व्यवस्था की गई है। भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए पूरा परिसर वातानुकूलित बनाया गया है। 6 दिवसीय महोत्सव में 15 लाख से अधिक गुरू भक्तों के शामिल होने का अनुमान है। सुमतिधाम पर सभी कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं की गई है। पट्टाचार्य महोत्सव स्थल गुरू भक्त परिवारों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ। दुधिया रोशनी से जगमग सुमतिधाम का नजारा कई किलोमीटर दूर से भी लोगों का ध्यानाकर्षण कर रहा है, जिसमें आध्यात्म योगी, शताब्दी देशनाकार, आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज के पट्टाचार्य महोत्सव के लिए 12 आचार्य, 8 उपाध्याय, 140 दिगंबर मुनि, 9 गणिनी आर्यिका, 123 आर्यिका माताजी, 105 ऐलक, क्षुल्लक, क्षुल्लिका महावीर बाग पहुंच चुके हैं।

महोत्सव के स्थल को देशना मंडप नाम दिया
सुमतिधाम पर पट्टाचार्य महोत्सव विधानाचार्य धर्मचन्द्र शास्त्री, चन्द्रकांत ईंडी, नीतिन झांझरी के निर्देशन में संपन्न होगा मनीष-सपना गोधा ने बताया किआचार्य श्री विशुद्ध सागर ने पट्टाचार्य महोत्सव के स्थल को देशना मंडप नाम दिया है।

देशना मंडप में विभिन्न बड़े संत होंगे विराजमान
देशना मण्डप में आचार्यश्री विशुद्ध सागर जी, गणाचार्य पुष्पदंत सागर जी प्रज्ञा सागर जी, सुन्दर सागर जी, विशद सागरजी, विभव सागर जी, विहर्षसागर जी, विनिश्चय सागर जी, विनम्र सागरजी प्रसन्न ऋषिजी, विप्रणत सागरजी विभक्त सागर जी, विशोक सागर जी, विनिश्चल सागरजी, विशेष सागरजी, विश्रुत सागरजी, सहित अनेक संत विराजमान होगे।

65 एकड़ में आयोजित हो रहा है पट्टाचार्य महोत्सव
6 दिवसीय पट्टाचार्य महोत्सव 65 एकड़ में आयोजित हो रहा है।इस महाकुंभ में शास्त्र प्रदर्शनी, बाल संस्कार शिविर, प्ले झोन, इमर्सिव झोन, स्वर्ग, नर्क, समवशरण रचना, चाय-काफी शॉप सहित अनेक अभूतपूर्व व्यवस्थाएं की गई है।

संतों की आहारचर्या के लिए 360 चौके लगाए
आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज सहित अनेक संतों की आहार चर्या के लिए सुमतिधाम पर 28 राज्यों के गुरु भक्तों द्वारा 360 चौके लगाए गए हैं। इन्हीं चौकों में प्रतिदिन संतों की आहारचर्या संपन्न होगी।

प्रदेश के मुखिया मोहन यादव महोत्सव में शामिल होंगे
पट्टाचार्य महोत्सव में सम्मिलित होने मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव दोपहर 3 बजे सुमति धाम पहुंचेंगे, जहां वे समस्त संतों के दर्शन कर प्रदेश के विकास हेतु आशीर्वाद ग्रहण कर आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज के प्रवचन सुनेगें। अनेक जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे।

झलकियां
विंटेज कार का काफिला भी यात्रा मार्ग में शामिल हुआ।
तोपों से कागज रूपी फूलों की वर्षा की गई।
हजारों श्रद्धालु इस क्षण को अपने मोबाइल फोन में कैद करते नजर आए।
रंग-बिरंगी झांकियां, हजारों कलश,रंग बिरंगी छतरियां के साथ विभिन्न वेशभूषा में सजे समाजजन।
कई मंचों से जुलूस का स्वागत हुआ।
28 राज्यों के गुरू भक्त बनें पट्टाचार्य महोत्सव के साक्षी।
1 लाख से अधिक समाज बंधुओं ने करवाया अपना पंजीयन, 6 दिवसीय महोत्सव में 15 लाख गुरू भक्तों के शामिल होने का अनुमान।
सुमतिधाम पर एक दिन पूर्व ही पहुंचे हजारों गुरू भक्त, जैन परिवारों ने अपना स्थान सुनिश्चित कर लगाए चौके।
50 से अधिक विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा मंच लगाकर आचार्यश्री, साधु-साध्वी व गुरू भक्त परिवार की अगवानी की।
आज शाम आचार्यश्री धर्मसभा को संबोधित करेंगे। सांय 6.10 बजे दैवसिक प्रतिक्रमण, 6.30 बजे आचार्य वंदना, आरती, रात्रि 8 बजे प्रोजेक्शन मैपिंग के साथ ही 8.30 बजे से लेजर शो होगा। रात्रि 9 बजे से भगवान आदिनाथ के जीवन चरित्र पर नृत्य नाटिका की प्रस्तुति होगी।

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