
नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के जरिए पाकिस्तान (Pakistan) को धूल चटाने के बाद भारत (India) अपनी सैन्य ताकत (Military Strength) को मजबूत करने में जुट गया है. इसी के तहत भारत अब अगले चार साल यानी 2029 तक अंतरिक्ष (Apace) में 52 स्पेशल डिफेंस सैटेलाइट (Defense Satellite) भेजने वाला है. ये सभी सैटेलाइट चीन (China) और पाकिस्तान से लगे भारत के बॉर्डर (Border) पर नजर रखेगी. ये सभी सैटेलाइट्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artifical Intelligence) बेस्ड होंगे.
यह पूरा अभियान रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी के तहत चलाया जा रहा है. पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने इसके लिए 26,968 करोड़ रुपये की मंजूरी थी. इस योजना के तहत इसरो (ISRO) 21 सैटेलाइट बनाएगा और लॉन्च करेगा, जबकि तीन भारतीय प्राइवेट कंपनियां 31 सैटेलाइट्स तैयार करेंगी.
ये सैटेलाइट्स लो-अर्थ ऑर्बिट और जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में तैनात किए जाएंगे. अप्रैल 2026 में पहला सैटेलाइट लॉन्च किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक इसकी समय सीमा और घटाने की कोशिश की जा रही है. स्पेस-बेस्ड सर्विलांस के तीसरे चरण के तहत (SBS-3) ये सब किया जा रहा है. एसबीएस-3 का मुख्य लक्ष्य चीन और पाकिस्तान के अधिक से अधिक इलाकों की निगरानी करना है. इससे हिंद महासागर के क्षेत्र पर भी निगरानी की जाएगी. ये सभी सैटेलाइट अंतरिक्ष में भारत की आंख बनकर वहां से मैसेज-तस्वीरें भेजते रहेंगे. इसके अलावा इंडियन एयरफोर्स तीन हाई अल्टीट्यूड प्लेफॉर्म सिस्टम एयरक्राफ्ट की तैयारी में भी जुटा है.
रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि हम जितनी जल्दी इन 52 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में स्थापित करेंगे उतनी ही जल्दी हमारी सुरक्षा और मजबूत होगी. बीते कुछ सालों में चीन ने अंतरिक्ष में अपनी ताकत को काफी बढ़ाया है. चीन के पास 2010 तक सिर्फ 36 सैन्य सैटेलाइट थे जबकि आज उसके पास 1000 से ज्यादा सैटेलाइट्स हैं. इसमें से 360 से ज्यादा सैटेलाइट्स निगरानी (ISR) के कामों के लिए है. उसके पास एंटी-सैटेलाइट मिसाइल, को-ऑर्बिटल सैटेलाइट, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और लेजर जैसे हथियार भी हैं.
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