
वॉशिंगटन । डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के दूसरे कार्यकाल के बाद से भारत और अमेरिका (India and America) के बीच संबंधों में गिरावट आ गई है। रूस से तेल आयात करने के चलते ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जिससे कुल टैरिफ बढ़कर 50 फीसदी हो गया है। ट्रंप ने न सिर्फ भारत पर, बल्कि दुनियाभर के देशों के साथ अपने देश के संबंध खराब कर लिए हैं। अब अमेरिका से ही ट्रंप के खिलाफ आवाज उठने लगी है। अमेरिकी पत्रकार और पॉलिटिकल कमेंटेटर रिंक सांचेज (Rink Sanchez) ने बड़ा बयान दिया है।
मीडिया से बात करते हुए रिंक सांचेज ने कहा है कि भारत अब वह स्कूली बच्चा नहीं रहा, जिसे बताया जा रहा कि क्या करना है। वह कमरे में बैठा एक बड़ा लड़का है। रिक अमेरिका के बड़े पत्रकार और राजनैतिक टिप्पणीकार हैं। पॉडकास्ट में बात करते हुए रिक ने काह कि भारत ने अमेरिका से कहा है कि आप हमारी तेल खरीद पर हुक्म नहीं चलाएंगे। वह क्षण वास्तव में परिवर्तनकारी और विनाशकारी था। अमेरिकी पत्रकार ने ट्रंप पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप भावनाओं, द्वेष और फॉक्स न्यूज के बयानों के आधार पर फैसले लेते हैं।
बता दें कि तमाम देशों पर टैरिफ लगाने वाले ट्रंप अपने ही देश में घिर गए हैं। ट्रंप के शासकीय आदेशों से तमाम देशों के माल पर लगाए गए तरह-तरह के आयात शुल्क को अमेरिका की एक संघीय अपीलीय अदालत ने अधिकारों का उल्लंघन करार देते हुए शुक्रवार को उन्हें गैरकानूनी करार दिया है। ट्रंप ने अधिकतर टैरिफ अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक अधिकार अधिनिमय के अंतर्गत लगाए थे। विभाजित निर्णय में न्यायालय के सात न्यायाधीशों ने राष्ट्रपति आदेशों के विरुद्ध और चार ने पक्ष में निर्णय दिया। न्यायालय ने इस्पात और एल्युमीनियम पर लगे शुल्कों को छोड़ कर ट्रंप द्वारा लगाए गए अन्य शुल्कों के बारे में कहा कि देश में कोई ऐसी आपदा नहीं है कि इन शुल्कों को उचित करार दिया जाये, जिनसे अरबों डॉलर का आयात प्रभावित हो रहा है।
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