img-fluid

बच्चों की मौत कातिलों के लिए वरदान बनेगी… लूट की राशि और बढ़ेगी

September 06, 2025

डॉक्टरों को चूहे मारने के काम पर लगाया… बच्चों की जान कुतर गए

एमवाय में चूहे मिटाए नहीं जाते हैं…पैदा किए जाते हैं, ताकि करोड़ों का फंड बढ़ता रहे…
उस मां का दर्द कौैन समझ सकेगा, जिसके बच्चे चूहों के कारण जान गंवाएं…वो शहर शर्म से क्यों न गड़़ जाए जहां कोई मां ऐसी मौत पर आंसू बहाए…स्वच्छता के तमगों से इतराने वाले शहर में बेईमानी की ऐसी गंदगी कि चूहे मारने के नाम पर करोड़ों डकारे जा रहे हैं और बेखौफ दौड़ते चूहे बच्चों के शरीर को खा रहे हैं…यह डकैती बरसों से चली आ रही है…सरकार कांग्रेस की हो या भाजपा की दोनों ही अपनी हिस्सेदारी बांट रही है…प्रदेश के सबसे बड़े कहे जाने वाले अस्पताल में इस समस्या को जानबूझकर जिंदा रखा जा रहा है और मरीजों को मारा जा रहा है, ताकि चूहे मारने का फंड फलता-फूलता रहे और मेडिकल कॉलेज के डीन से लेकर नेताओं और अफसरों को उसका हिस्सा मिलता रहे…दो बच्चों की मौत के गरमाए मामले में उच्च स्तरीय जांच कमेटी तो बना दी गई, लेकिन यह कमेटी भी चूहों की तरह दुबक जाएगी…यह पता नहीं लगा पाएगी कि जिस कंपनी को करोड़ों का ठेका दिया गया उसने चूहे मारे हैं या चूहे पैदा किए हैं…जिसने भुगतान किया है उसने कितना कमीशन लिया है…और आश्चर्य तो इस बात का है कि सरकार ने एक डॉक्टर को मैनेजमेंट का जिम्मा कैसे दिया है…डॉक्टर का काम इलाज करना होता है… ना कि अस्पताल का प्रबंधन करना… मरीजों की इलाज करने वाले डॉक्टर को करोड़ों रुपए थमाए जाएंगे… तो लालच जाग ही जाएगा … वो बेईमान हो ही जाएगा…सरकार हर साल करोड़ों का बजट केवल पेस्ट कंट्रोल के लिए दे रही है और अस्पताल चूहों से लेकर मच्छर-मक्खियों का गोदाम बने हुए हैं…गरीबों के इलाज का यह अस्पताल इस कदर घोटालों की बीमारी से ग्रस्त है कि अस्पताल के तलघर में भरने वाले पानी के लिए अब तक करोड़ों खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन वह अब भी तालाब बना हुआ है…अस्पताल में दवाइयों के लिए हर माह करोड़ों रुपए दिए जाते हैं, लेकिन मरीज दवाइयां बाहर से लाते हैं…अस्पताल के डॉक्टर मरीजों को निजी अस्पतालों में भिजवाते हैं…जांच के नाम पर हजारों खर्च कराए जाते है…एम्बुलेंस खटारा पड़ी हैं…लाशों को ले जाने के लिए अस्पताल के बाहर कमाई करने वाली गाडिय़ां खड़ी हैं…कहने को इसे बड़ा अस्पताल कहा जाता है, लेकिन व्यवस्थाओं में यह जमानेभर की सड़ांध मारता है…कभी यह बड़ा अस्पताल था, लेकिन अब इंदौर-भोपाल में इससे बड़े प्राइवेट मेडिकल कॉलेज खुल गए हैं… जहां एमवाय से ज्यादा मरीजों के बेड हैं…आधुनिक मशीनें हैं…जिम्मेदार डॉक्टर हैं…हर मर्ज के इलाज के लिए सुपर स्पेशलिस्ट हैं, वहां चूहे नजर नहीं आते हैं…करोड़ों खर्च नहीं किए जाते हैं…मरीज चूहों की मौत नहीं मारे जाते हैं तो उसका कारण है कि वहां चूहे पैदा नहीं किए जाते हैं … और उन्हें मारने के लिए डाके नहीं डाले जाते हैं…इन दो बच्चों की मौत भी कातिलों के लिए वरदान बनेगी… फंड की राशि और बढ़ेगी… यदि बच्चों की मौत का दर्द सरकार महसूस करे तो सबसे पहले डॉक्टरों को प्रबंधन से मुक्त करे और अदालत संज्ञान लेकर पेस्ट कंट्रोल के नाम पर करोड़ों हड़पने वाली कंपनी और भुगतान करने वाले डॉक्टर पर बच्चों की हत्या का प्रकरण दर्ज कराए… वरना चूहे पैदा होते रहेंगे… और उसकी कमाई से नेता और डॉक्टर पेट भरते रहेंगे…

 

Share:

  • सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट को लगाई फटकार, जानिए किस फैसले पर जताई नाराजगी

    Sat Sep 6 , 2025
    नई दिल्‍ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक कड़े आदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) को फटकार लगाई है। मामला पिछले दो साल से जमानत रद्द करने के लिए 40 याचिकाओं में पूर्व निर्धारित आदेश (साइक्लोस्टाइल्ड टेम्पलेट ऑर्डर) पारित होने का है। इसमें शिकायतकर्ताओं को गवाह संरक्षण योजना, 2018 के तहत उपाय […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved