खरी-खरी

अबकी बार चार सौ पार…वोट देकर क्या करेंगे यार…

मोदीजी का नारा… मोदीजी की गारंटी… मोदीजी को वोट… नेता भी मोदी… प्रत्याशी भी मोदी… मोदी ही सरकार… मोदी ही पतवार…चारों ओर मोदी ही मोदी… खत्म हो गए सारे विरोधी…जनता भी मान रही है…प्रत्याशी भी मान रहा है…कार्यकर्ता भी उसी राह पर जा रहा है…हर कोई मोदीजी के सुर से सुर मिला रहा है….अबकी बार […]

इंदौर न्यूज़ (Indore News) खरी-खरी

उनके प्राणों का प्रमाण है अग्निबाण…

41वां पुण्य स्मरण दिवस… कहने को सालों बीत गए… लेकिन आपकी यादों को… आपके संघर्ष को, आपके समर्पण और त्याग को भूलने वाला एक लम्हा भी नहीं गुजर पाया… आप हमारे जीवन की शैली में शामिल हैं… आप हमारे जीवन की प्रेरणा का वो हर पल हैं जो हमारे उत्साह को कभी बोझिल नहीं होने […]

खरी-खरी

परिवार की भावनाओं पर यह कैसी चोट पहुंचाई…पढऩे के लिए शहर में आई और करा दी जगहंसाई…

क्या करें मां-बाप… बच्चों का भविष्य सुधारें तो वर्तमान बिगडऩे की आशंका और वर्तमान को संभालें तो भविष्य का अंधेरा… एक बेटी को पढ़ाने के लिए भेजा और उसी ने पिता और परिवार से पैसे ऐंठने के लिए खुद के अपहरण का षड्यंत्र रच डाला… पिता जिन बच्चों का भविष्य संवारने के लिए जी-जान लगाते […]

खरी-खरी

हम शक्ति की पूजा करते हैं… वो शक्ति से लड़ते हैं… बात निरर्थक करते हैं… और अर्थ पर तर्क धरते हैं…

जो मुंह में आया बक दिया… जो जुबान पर आया कह दिया… न धर्म को समझते हैं न मर्म को समझते हैं… न लोगों की भावनाएं पढ़ते हैं और न जुमले ढंग से गढ़ते हैं…भरी सभा में कांग्रेस के बुद्धिमान नेता जब ये कहते हैं कि सनातन धर्म में एक शक्ति होती है… हम उस […]

खरी-खरी

हसरतें कुछ पाने की नहीं… खुद को बचाने की हैं…

बहुत मुश्किल होता है अपना घर छोडऩा..और किसी के ठसाठस भरे घर में खुद के लिए जगह ढूंढना… पता होता है कि घूरती आंखें उन्हें परायेपन का एहसास कराएगी… हिकारत भरी नजरें जब उनका दिल दुखाएगी, तब अपने घर की बहुत याद आएगी… जिस घर में वर्षों बिताए… जिस दल में कई अपने बनाए… जिस […]

खरी-खरी

नेताओं पर तो पाबंदी लेकिन जनता का नोट फॉर वोट भी तो बंद होना चाहिए…

जब जनता भ्रष्ट हो जाएगी तो नेता पर उंगली कैसे उठाएगी… चुनाव से पहले खुलेआम नोट देकर वोट खरीदने के ऐलान किए जाते हैं… कहीं लाड़ली बहना के नाम पर नोट दिए जाते हैं….कहीं कर्जमाफी का ऐलान कर मतदाता लुभाए जाते हैं…कहीं मुफ्त बिजली की रोशनी दिखाई जाती है…कहीं वेतनवृद्धि तो कहीं बेरोजगारी भत्ता, कहीं […]

खरी-खरी

ईमान बेचकर वो बचते रहेंगे… कानून बनाएंगे तो भी प्रमाण कहां से लाएंगे

वो हमें बेच रहे थे…और खुद का कानून बनाकर बेच रहे थे…सदन में नोट लहराते रहे… बिकने की ताकत दिखाते रहे…एक पार्टी से चुनकर जाते रहे…दूसरी पार्टी से वफा दिखाते रहे… हमारे वोट की ताकत को अपनी ताकत बनाकर नोट कमाकर इठलाते रहे…सरकारें बनाते-बिगाड़ते रहे और खुद माननीय कहलाते रहे…ऐसे भ्रष्ट और बिकाऊ नेताओं ने […]

खरी-खरी

उनमें गैरत नहीं… हमको भी हैरत नहीं…

  बूढ़ा हो गया है लोकतंत्र…बेचारा 77 साल का…उसे मुर्दा बनाने पर तुले हैं यह नेता…यह मीडिया…यह संविधान और अब तो जनता भी साथ हो गई… जिन्हें लोकतंत्र के चार स्तंभ कहा जाता है, जब वे नीयत बदलने लग जाएं… कायदे के बजाय फायदे की नीतियों पर चलने लग जाएं तो हम किस पर उंगली […]

खरी-खरी

आपकी दया से अब तो दम घुटने लगा…शहर था हमारा अब तो सराय लगने लगा…

निगम में चाट चौपाटी लगाईए, हमारे शहर को तो मुक्त कराईए कौन हैं यह लोग, कहां से आए… शहर को सराय बना रहे हैं… चाहे जहां चौपाटी लगा रहे हैं… खाली जमीन दिखते ही कब्जे जमा रहे हैं… आप अपनी सदाशयता में हमें मार रहे हैं… निगम कब्जा हटाने के बदले फ्लैट देता है… उसे […]

खरी-खरी

लौट के कमलनाथ घर को आए… शाह-नड्डा ने गणित लगाए… बिना शकर की खीर कौन खाए

कोई बुलाए तब तो जाएं… तीन दिन से दिल्ली में डेरा डाले बैठे रहे कमलनाथ, लेकिन न शाह ने घास डाली… न नड्डा ने बुलाया… बिचौलिए बात चला रहे थे, लेकिन गोटियां नहीं बिठा पा रहे थे… कमलनाथ अनाथ-से नजर आ रहे हैं…खुद समझ नहीं पा रहे हैं…न इनकार कर पा रहे थे और न […]