
नई दिल्ली । दिल्ली (Delhi)के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (National Zoological Park) में 29 वर्षीय अफ्रीकन हाथी शंकर(Shankar, the African elephant) की मौत की हार्ट अटैक(Heart Attack) से हुई थी। चिड़ियाघर प्रबंधन ने पोस्टमॉर्टम की प्राथमिक रिपोर्ट के मुताबिक इस बात की जानकारी दी है। हालांकि, पूरी रिपोर्ट बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) से आएगी। मृत्यु के संभावित कारण का पता लगाने के लिए निदेशक स्तर और मंत्रालय द्वारा जांच जारी है।
हाथी शंकर की मौत के मामले में पर्यावरण मंत्रालय ने चिड़ियाघर प्रबंधन से रिपोर्ट तलब की है। इससे केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के साथ चिड़ियाघर प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। बता दें कि, चिड़ियाघर में लापरवाही के चलते लगातार हो रही वन्यजीवों की मौत ने भी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। मौत के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं। आगे की जांच के लिए आईवीआरआई बरेली के विशेषज्ञों, स्वास्थ्य सलाहकार समिति और मंत्रालय के प्रतिनिधियों की टीम की निगरानी में पोस्टमॉर्टम कराया गया है।
13 नंबर बाड़े में रहने वाला शंकर दो दिन से ठीक तरह से खाना नहीं खा रहा था। बुधवार सुबह शंकर ने कम पत्ते और घास खाए थे। उसने बाकी भोजन, फल-सब्जियां सामान्य रूप से ली थी।
दर्शकों का मनोरंजन कर रहा था अफ्रीकन हाथी
शंकर 27 वर्ष से चिड़ियाघर परिवार का एक अनमोल हिस्सा था। उसे नवंबर 1998 में जिम्बाब्वे से लाया गया था। उसका सौम्य स्वभाव और राजसी उपस्थिति के लिए कर्मचारियों के बीच आदर किया जाता था। वह 20 सालों से वह अकेला ही अपने बाड़े में था। जिम्बाब्वे से वर्ष 1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को दो अफ्रीकन हाथी उपहार के तौर पर मिले थे। शंकर के साथ बाॅम्बेई की पहले ही माैत हो गई।
अचानक शेड में गिर पड़ा, माैत का कारण स्पष्ट नहीं
चिड़ियाघर प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि वह कर्मचारियों की निगरानी में रखा गया था। गुरुवार शाम लगभग 7.25 बजे वह अचानक अपने शेड में गिरा पड़ा मिला। उसे आपातकालीन उपचार के लिए लाया गया, लेकिन, उसकी मृत्यु हो गई थी। बीते मंगलवार तक उसमें बीमारी या असामान्य व्यवहार की कोई रिपोर्ट नहीं मिली थी। पशु चिकित्सक माैत के कारणों की जांच कर रहे हैं।
बिल्ली का कृत्रिम दूध पी रहा बाघिन अदिति का शावक
उधर, बाघिन अदिति का शावक भी पशु चिकित्सकों की निगरानी में है। पशु चिकित्सा कर्मचारियों की देखरेख में उसका पालन-पोषण के किया जा रहा है। उसे बिल्ली का कृत्रिम दूध पिलाया जा रहा है। चिड़ियाघर प्रबंधन ने बताया कि उसका वजन पांच किलो है। साथ ही, वह स्वस्थ है। इसके अलावा चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू के मामले थम गए हैं। हाल ही में प्रवासी पक्षियों की किसी भी मृत्यु की सूचना नहीं है।
बता दें कि चिड़ियाघर बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद, जन स्वास्थ्य और सुरक्षा के मद्देनजर 30 अगस्त से दर्शकों के लिए अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया था।
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