
इंदौर। छिंदवाड़ा जिले (Chhindwara district) में घातक कफ सीरप पीने से बच्चों की मौत के बाद प्रदेशभर में हड़कंप मचा हुआ है। इसी के चलते इंदौर जिला प्रशासन (Indore District Administration) भी हरकत में आ गया है। प्रदेश के सबसे बड़े दवा बाजार पर सख्त कार्रवाई करते हुए तीन मेडिकल दुकानों से 50 से अधिक सैंपल जब्त किए गए हैं।
इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा के निर्देश पर ड्रग कंट्रोलर विभाग ने कार्रवाई करते हुए दावा बाजार की गुप्ता मेडिकल स्टोर, लक्ष्मी ड्रग हाउस और एक अन्य दुकान पर कार्रवाई करते हुए पचास से अधिक सेंपल जब्त किए।यह कार्रवाई ड्रग इंस्पेक्टर कमल अहिरवार के नेतृत्व में की गई, जिसमें टीम ने अचानक छापामार जांच शुरू की तो दुकानदारों में अफरा-तफरी मच गई।
जानकारी के मुताबिक, कई दुकानों पर बिना बिल और बिना बैच नंबर के कफ सीरप रखे पाए गए। अधिकारियों ने संदिग्ध दवाओं के सैंपल लेकर लैब जांच के लिए भेजने की तैयारी की है। अब यह पता लगाया जा रहा है कि कहीं इंदौर बाजार में भी वही घातक कफ सीरप तो नहीं बेचा जा रहा था, जिससे छिंदवाड़ा में बच्चों की जान गई।
ड्रग इंस्पेक्टर कमल अहिरवार ने बताया कि यह कार्रवाई कलेक्टर शिवम वर्मा के निर्देश पर की गई है। जिले में किसी भी सूरत में मिलावटी या प्रतिबंधित कफ सीरप की बिक्री बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिन दुकानदारों की दवाओं में गड़बड़ी पाई जाएगी, उनके खिलाफ एफआईआर की जाएगी।
वहीं ड्रग एंड केमिस्ट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष धर्मेंद्र कोठारी का कहना है कि यह कार्रवाई हर महीने की जाती है लेकिन छिंदवाड़ा की घटना के बाद जिला प्रशासन द्वारा शक्ति से यह कार्रवाई की जा रही है जिसका संगठन भी समर्थन कर रही है यदि किसी दवा का सैंपल फेल होता है तो उसे कंपनी पर और दुकानदार पर जिला प्रशासन कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।
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