
इंदौर। शासकीय संस्कृत महाविद्यालय, रामबाग, इंदौर (Indore) में दीपावली पर्व (Diwali Festival) की तिथि निर्धारण को लेकर विद्वानों (Scholars) की एक विशेष बैठक आयोजित की गई। बैठक में उपस्थित सभी विद्वानों ने ज्योतिषीय गणना तथा धर्मशास्त्रीय निर्देशों (Astrological Calculations and Religious Instructions) के आधार पर विश्लेषण करते हुए 20 अक्टूबर को दीपावली महापर्व मनाना श्रेष्ठ एवं शुभ बताया।
बैठक का प्रारंभ डॉ. विनायक पाण्डेय तथा मप्र ज्योतिष एवं विद्वत् परिषद् के अध्यक्ष आचार्य रामचंद्र शर्मा ‘वैदिक’ विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि पंचांग एवं नक्षत्र गणना के आधार पर 20 अक्टूबर को दीपावली मनाने का पक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि शास्त्र में दोनों दिन लक्ष्मी पूजन करने के पक्ष अभिमत मिलते हैं, किन्तु 20 अक्टूबर को अमावस्या सायंकाल और प्रदोषकाल को प्राप्त हो रही है। अत: इस दिन दीपावली मानना शास्त्र सम्मत है।
पूर्व राज्य मंत्री एवं ज्योतिष विद्यापीठ परिषद् के संयोजक एवं पूर्व राज्यमंत्री श्री योगेंद्र महंत तथा मां भुवनेश्वरी ज्योतिष संस्था के संचालक डॉ संतोष भार्गव ने “एक तिथि – एक पर्व – एक उत्सव” की भावना को पुनः दोहराते हुए सभी को 20 अक्टूबर को एकमत से दीपावली मनाने का आग्रह किया।
इस अवसर पर डॉ. संतोष दाधीच, विजय अड़ीचवाल, डॉ सुरेश आर शर्मा, प्रद्युम्न दीक्षित, शिव मेहता, गिरीश व्यास, नारायण वैष्णव, राकेश राठौर सहित अनेक विद्वानों ने भी अपने मत प्रस्तुत किए और सर्वसम्मति से 20 अक्टूबर को दीपावली पर्व मनाने का निर्णय लिया।
कई विद्वानो नेऑनलाइन सहभागिता की
खजराना के मुख्य पुजारी अशोक भट्ट, रणजीत हनुमान मंदिर के पुजारी दीपेश व्यास, पंचकुइया के महंत रामगोपालदास महाराज, विद्याधाम से राहुलकृष्ण शास्त्री, राजेश जड़िया, भागवत भूषण राजेश शास्त्री, बिजासन मंदिर के अशोकवन गोस्वामी, बड़ा गणपति मंदिर से अशोक दाधीच ने भी 20 अक्टूबर पर ऑनलाइन सहमति प्रदान की। स्वागत भाषण महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. विमला गोयल ने किया। संचालन आचार्य गोपालदास वैरागी ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ. अभिषेक पाण्डेय ने किया।
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