
नई दिल्ली. यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति जेलेंस्की (Zelensky ) ने शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से फोन पर बात की और गाजा (Gaza) में दो साल से जारी इजरायल-हमास युद्ध (Israel–Hamas War) को समाप्त कराने के लिए उनकी शांति पहल की सराहना की. जेलेंस्की ने इस बातचीत को सकारात्मक और उपयोगी बताते हुए कहा कि अगर एक क्षेत्र में युद्ध रोका जा सकता है, तो दूसरे क्षेत्र में भी शांति संभव है, जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध भी शामिल है.
जेलेंस्की ने एक्स (X) पर लिखा, “मेरी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से एक बहुत ही सकारात्मक और रचनात्मक बातचीत हुई. मैंने उन्हें मध्य पूर्व में हासिल बड़ी सफलता के लिए बधाई दी. अगर एक युद्ध किसी क्षेत्र में खत्म हो सकता है, तो दूसरे क्षेत्रों में भी यह संभव है, जिसमें रूसी युद्ध भी शामिल है.”
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने बताया कि उन्होंने ट्रंप को रूस द्वारा ऊर्जा ढांचे पर किए गए हमलों की जानकारी दी और उनकी ओर से यूक्रेन की सहायता के वादे की सराहना की. उन्होंने कहा, “हमने वायु रक्षा को मजबूत करने के अवसरों पर चर्चा की. कई ठोस विचारों और समझौतों पर काम चल रहा है ताकि हमारी सुरक्षा को वास्तविक रूप से बढ़ाया जा सके.”
जेलेंस्की ने एक बार फिर कहा कि रूस को वास्तविक कूटनीति के लिए तैयार होना चाहिए और युद्ध समाप्त करने के लिए बातचीत की इच्छा दिखानी चाहिए. उन्होंने कहा, “रूस की ओर से वास्तविक बातचीत की तत्परता होनी चाहिए — और यह शक्ति के माध्यम से हासिल की जा सकती है. धन्यवाद, मिस्टर प्रेसिडेंट!”
हमास ने फिर गाजा शांति समझौते बनाई दूरी
फिलिस्तीनी संगठन हमास मिस्र में प्रस्तावित गाजा शांति समझौते के आधिकारिक हस्ताक्षर कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेगा. संगठन ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की योजना के कुछ हिस्सों पर उनके मतभेद हैं, जिससे लंबे समय से प्रतीक्षित समझौते का भविष्य अधर में लटक गया है. समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, हमास नेताओं ने ट्रंप के उस सुझाव को बेतुका बताया, जिसमें कहा गया था कि शांति योजना के तहत हमास के सदस्य गाज़ा पट्टी छोड़ दें.
हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य होसम बदरान ने संवाददाताओं से कहा कि फिलिस्तीनियों को, चाहे वे हमास के सदस्य हों या न हों, उनकी जमीन से निकालने की बात पूरी तरह बेतुकी और बकवास है. उन्होंने यह भी कहा कि योजना के दूसरे चरण पर बातचीत मुश्किल होगी, क्योंकि इसमें कई जटिलताएं और कठिनाइयां हैं.
ये टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगले दो दिनों में होने वाली मिडिल ईस्ट यात्रा से पहले आई है. लेकिन हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संकेत दिया कि अभी भी कई राजनीतिक बाधाएं हैं, उन्होंने कहा कि हमास का हथियार डालना योजना की एक प्रमुख शर्त है, जो कि संभव नहीं है, भले ही हमास गाजा की सरकार से अलग हो जाए.
समझौते के पहले हिस्से पर बनी थी सहमति
बता दें कि ट्रंप के प्रस्तावित समझौते का एक हिस्सा शुक्रवार को लागू हुआ था, जब इजरायल ने युद्धविराम पर सहमति जताई और गाजा के कुछ हिस्सों से अपनी सेना वापस बुला ली. इससे विस्थापित परिवार, जिनके घर इज़रायली बमबारी से तबाह हुए थे, वो वापस लौटने लगे. युद्धविराम लागू होते ही शनिवार को हज़ारों फिलिस्तीनी पैदल, कार और अन्य वाहनों से गाजा के तट के साथ उत्तर की ओर बढ़े.
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