
दिल्ली . दिल्ली (Delhi) की मुख्यमंत्री (CM) रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) पर हुए हमले के मामले में पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. पुलिस के मुताबिक, राजकोट (Rajkot) के रहने वाले राजेश भाई साकरिया (Rajesh Bhai Sakaria) और उसके सहयोगी तहसीन ने मुख्यमंत्री पर हमले की साजिश पहले से रची थी. दोनों ने इस हमले को अंजाम देकर सुर्खियों में आने और सनसनी’ फैलाने की योजना बनाई थी. पुलिस ने कहा कि दोनों ने सड़क पर आवारा कुत्तों के मुद्दे को सिर्फ बहाना बनाया था, जबकि वे वास्तव में इस मुद्दे के समर्थक नहीं थे.
चार्जशीट में दोनों गिरफ्तार आरोपियों साकरिया और तहसीन के नाम शामिल हैं. इसके साथ ही 48 गवाहों की लिस्ट दी गई है. इनमें सीएम आवास पर मौजूद सुरक्षाकर्मी और दूसरे कर्मचारी शामिल हैं. पुलिस ने आरोपियों पर हत्या के प्रयास (आइपीसी की धारा 307), आपराधिक साजिश (धारा 120B) और लोक सेवक के कार्य में बाधा डालने जैसी धाराएं लगाई हैं. अदालत ने इस चार्जशीट पर संज्ञान लिया है और अब अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी.
पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया गया कि घटनास्थल से सीएम रेखा गुप्ता के टूटे बालों के सैंपल मुख्य फोरेंसिक सबूत के तौर पर पेश किए गए हैं. जांच एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में 65 दस्तावेज़ और रिकॉर्ड को साक्ष्य के रूप में जोड़ा है.
यह घटना 20 अगस्त को हुई थी, जब साकरिया ने मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर आयोजित जन सुनवाई के दौरान उन पर दो बार हमला किया था और बाल पकड़कर घसीटा था. मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उसे काबू में किया. मुख्य आरोपी साकरिया को मौके से ही गिरफ्तार किया गया था, जबकि तहसीन को बाद में जांच के दौरान पकड़ा गया.
जांच में सामने आया कि दोनों आरोपियों ने शुरू में सीएम पर चाकू से हमला करने की योजना बनाई थी, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होने के कारण उन्होंने जन सुनवाई सत्र को निशाना बनाने का फैसला किया.
पुलिस के मुताबिक, तहसीन हमले से पहले लगातार साकरिया के संपर्क में था और उसने घटना से कुछ घंटे पहले उसे 2,000 रुपये ट्रांसफर किए थे. मोबाइल फोन विश्लेषण से यह भी पता चला कि साकरिया ने मुख्यमंत्री के शालीमार बाग आवास का वीडियो तहसीन को भेजा था.
साकरिया राजकोट से उज्जैन तक ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करके आया था और फिर दूसरी ट्रेन से दिल्ली पहुंचा. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था की पुनर्समीक्षा की गई और अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू किए गए. अब सुरक्षा कर्मियों को किसी भी असत्यापित व्यक्ति को सीएम के निकट आने की अनुमति नहीं है.
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