
देहरादून। केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट भैया दूज (Bhai Dooj) पर 23 अक्टूबर 2025, बुधवार को सुबह 8:30 मिनट पर बंद होंगे। इससे पहले भगवान शिव की समाधि पूजा (Samadhi Puja of Lord Shiva) की जाएगी। बदरी-केदार मंदिर समिति द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सुबह समाधि पूजा के बाद विधि-विधान से कपाट बंद कर डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी।
बदरी-केदार मंदिर समिति के अनुसार मध्य रात्रि से सुबह 4 बजे तक आम भक्त दर्शन करेंगे। इसके बाद पुन: 5 बजे से 6 बजे तक भगवान की समाधि पूजा की जाएगी। जिसमें बाबा केदार के स्वयंभू लिंग को भस्म, अनाज, फल, फूल, रुद्राक्ष, सफेद कपड़ा आदि से ढक दिया जाएगा। ठीक 6 बजे गर्भ गृह का द्वार बंद किया जाएगा। जबकि सुबह साढ़े 8 बजे परम्परानुसार पूर्वी द्वार (मुख्य द्वार) बंद कर दिया जाएगा।
भगवान शिव की चल विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी। बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि इस वर्ष रिकार्ड यात्री केदारनाथ आए हैं।
यहां होगी बाबा की छह महीने तक शीतकालीन पूजा-
बाबा केदार की चल विग्रह डोली 23 अक्तूबर को केदारनाथ से प्रस्थान कर रात्रि विश्राम के लिए रामपुर पहुंचेगी। जबकि 24 अक्तूबर को दूसरे पड़ाव गुप्तकाशी पहुंचेगी। 25 अक्तूबर को बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी, जहां भगवान की छह महीने तक शीतकालीन पूजा अर्चना की जाएगी।
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