
नई दिल्ली। पिछले हफ्ते लंदन (London) के मेटल मार्केट (Metal Market) में पैदा हुए चांदी (Silver) के संकट को अमेरिका और चीन (America and China) से आई चांदी की लाखों टन खेप ने दूर कर दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले एक हफ्ते में अमेरिका से लगभग 467 मीट्रिक टन चांदी लंदन के बाजार में भेजी गई है। वहीं एक अन्य सूत्र का कहना है कि अमेरिका और चीन से मिलाकर कुल 1000 टन से ज्यादा चांदी लंदन की तिजोरियों में पहुंची है। बता दें चांदी के भाव पिछले 6 कारोबारी दिनों में करीब 15000 रुपये प्रति किलो टूटे हैं।
यह राहत ऐसे समय में आई है, जब लंदन के सिल्वर मार्केट में चांदी की उपलब्धता की कमी के कारण सौदों को निपटाने को लेकर भारी दबाव देखा जा रहा था, जिससे चांदी की कीमतों में जोरदार तेजी देखी जा रही थी। चांदी की उपलब्धता की इस कमी में भारतीय त्योहार धनतेरस ने भी भारी योगदान दिया। यहां पर भी चांदी ईटीएफ का प्रीमियम काफी बढ़ गया जिससे ईटीएफ बेचने वाली कंपनियों को चांदी की खरीद पर अस्थाई रोक लगानी पड़ गई थी।
दरअसल, पिछले कुछ समय से लंदन में चांदी की उपलब्धता बहुत कम हो गई थी। इस वजह से वहां चांदी की कीमतें अमेरिकी कॉमेक्स वायदा कीमतों से भी ज्यादा हो गई थीं। आमतौर पर हवाई मार्ग से चांदी भेजना महंगा पड़ता है और ये तरीका सोने जैसे महंगे धातुओं के लिए ही उपयोग में लाया जाता है, लेकिन इस बार मुनाफा कमाने के लिए व्यापारी चांदी को भी हवाई जहाज से भेजने लगे थे। इस आपूर्ति संकट के चलते पिछले शुक्रवार को चांदी की कीमतें रिकॉर्ड 54.47 डॉलर तक पहुंच गईं।
भारत और ब्रिटेन में चांदी की भारी मांग
चीन से भी 100 से 150 टन चांदी बाहर भेजी जा रही है, लेकिन ये पूरी तरह लंदन नहीं जा रही। भारत भी इस चांदी के लिए बड़ी दावेदारी कर रहा है। भारत में त्योहारों का मौसम चल रहा है और मांग बहुत ज्यादा है। इस वजह से भारत में भी प्रीमियम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है और हवाई मार्ग से चांदी मंगाई जा रही है। शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, वहां पिछले हफ्ते 249 टन चांदी वेयरहाउस से बाहर गई और कुल स्टॉक घटकर सिर्फ 920 टन रह गया, जो मई के बाद सबसे कम है। यह पिछले 11 सालों में सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है।
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