
डेस्क: भारत सरकार (Indian Goverment) अब मशीन से मशीन यानी M2M सिम (Sim) के स्वामित्व (Ownership) को बदलने के लिए नया फ्रेमवर्क (Framework) ला रही है. इससे अब इन सिम कार्ड्स की ओनरशिप को एक संस्था से दूसरी में बदलना आसान होगा और सेवाओं में कोई रुकावट नहीं आएगी. अब तक यह अधिकार टेलीकॉम कंपनियों को नहीं था, लेकिन जल्द ही उन्हें यह मंजूरी मिल सकती है.
दूरसंचार मंत्रालय ने एम2एम सिम के ट्रांसफर से जुड़ा एक ड्राफ्ट फ्रेमवर्क तैयार किया है, जिसे जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा. इसके तहत, टेलीकॉम कंपनियों को अब सिम की ओनरशिप बदलने की अनुमति दी जाएगी ताकि नेटवर्क आधारित मशीनों के बीच संचार में कोई बाधा न आए. इस फ्रेमवर्क के लागू होने से कंपनियां आसानी से M2M सिम का उपयोग बदल सकेंगी, जैसे कि किसी पुराने क्लाइंट से नए सर्विस प्रोवाइडर को ट्रांसफर करना.
M2M सिम कार्ड मशीन-टू-मशीन कम्युनिकेशन के लिए बनाए जाते हैं. ये सिम इंसानों के बजाय मशीनों को एक-दूसरे से जोड़ते हैं ताकि वे डेटा का आदान-प्रदान कर सकें. इसका इस्तेमाल IoT (Internet of Things) आधारित डिवाइसेज में किया जाता है, जैसे स्मार्ट होम डिवाइस, पॉइंट ऑफ सेल (POS) मशीनें, वाहनों में ट्रैकिंग सिस्टम और इंडस्ट्रियल सेंसर. ये सिम सामान्य सिम कार्ड्स से ज्यादा टिकाऊ होते हैं और अत्यधिक तापमान, नमी या कंपन जैसे कठोर माहौल में भी ठीक से काम करते हैं.
एम2एम सिम का मुख्य उद्देश्य मशीनों के बीच ऑटोमेटिक और सीधा संवाद स्थापित करना है. उदाहरण के लिए, एक स्मार्ट थर्मोस्टेट अगर मौसम के अनुसार स्प्रिंकलर सिस्टम को चालू करता है, तो यह डेटा एम2एम सिम के जरिए ट्रांसफर होता है. इसी तरह, किसी फैक्ट्री की मशीनें आपस में डेटा का आदान-प्रदान करने के लिए इन सिम्स का उपयोग करती हैं. इसका उपयोग स्मार्ट सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर, फ्लीट मैनेजमेंट, हेल्थकेयर और औद्योगिक ऑटोमेशन जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है.
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