
इंदौर। भावांतर भुगतान योजना (Bhavantar Payment Scheme) से नाराज़ किसानों ने आज लक्ष्मी नगर अनाज मंडी (Laxmi Nagar Grain Market) को पूर्णतः बंद कर विरोध प्रदर्शन किया। पूरे प्रदेश में व्यापारियों द्वारा बनाए गए सिंडिकेट के कारण फसलों के दाम अचानक गिरा दिए गए, जिससे किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
कल तक ₹4200 प्रति क्विंटल पर बिक रही सोयाबीन को आज ₹4000 से नीचे खरीदने की कोशिश की गई। इस अन्याय के खिलाफ किसानों ने मंडी परिसर में हंगामा किया और भावांतर योजना को किसान विरोधी बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया। अधिकारियों द्वारा समझाइश के बावजूद मंडी लगभग 5 घंटे तक बंद रही और शाम को ही नीलामी दोबारा शुरू हो सकी।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं — बबलू जाधव, रामस्वरूप मंत्री, चंदनसिंह बड़वाया और शैलेंद्र पटेल — ने कहा कि भावांतर योजना किसानों के हित में नहीं है। इस योजना में लाभ व्यापारियों को मिलता है, जबकि मेहनतकश किसान को उसके उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल पाता। यह योजना किसानों को बाजार के रहम पर छोड़ने की सरकारी साजिश है।
नेताओं ने आरोप लगाया कि भावांतर के नाम पर व्यापारी सिंडिकेट बनाकर मनमानी कर रहे हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। किसानों ने मांग की है कि भावांतर योजना को तुरंत समाप्त किया जाए और खरीदी केवल समर्थन मूल्य पर की जाए, ताकि किसान को उसके पसीने की सही कीमत मिल सके।
किसानों का कहना था कि सरकार द्वारा योजना की स्पष्ट नीति अब तक जारी नहीं की गई, जिसके कारण मंडी अधिकारी भी किसानों को भावांतर योजना की सही जानकारी नहीं दे सके। किसानों ने यह भी सवाल उठाया कि योजना के तहत कितने क्विंटल या बीघा तक खरीदी होगी और क्या मॉडल रेट तय किया जाएगा, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है।
हाल ही में जिलेभर में भावांतर योजना के विरोध में एक विशाल ट्रैक्टर रैली भी निकाली गई थी, जिसमें हजारों किसानों ने भाग लेकर सरकार से किसानों के पक्ष में ठोस निर्णय लेने की मांग की थी। संयुक्त किसान मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने किसानों की मांगे नहीं मानीं, तो आंदोलन प्रदेशव्यापी और उग्र रूप लेगा।
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