
नई दिल्ली । बिहार(Bihar) के समस्तीपुर जिले (Samastipur district)में सड़क किनारे कूड़े (roadside litter)में कथित तौर वीवीपैट की हजारों पर्चियां मिलने के मामले में अब प्रशासन(Administration) ने अपनी सफाई दी है। समस्तीपुर जिला प्रशासन ने एक्स पर बताया है कि मतदान वाली वीवीपैट की पर्चियां वीवीपैट में सुरक्षित हैं। इसकी जानकारी देते हुए जिला प्रशासन ने एक्स पर लिखा है, ‘ये VVPAT की पर्चियां EVM commissioning के दौरान की है, मतदान से इसका कोई संबंध नहीं है। मतदान वाली VVPAT की पर्चियां VVPAT में सुरक्षित हैं एवं strong रूम में त्रिस्तरीय सुरक्षा में protocol के हिसाब से बंद है।’
आपको बता दें कि सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के शीतलपट्टी गांव में शनिवार को वीवीपैट की हजारों पर्चियां सड़क किनारे कूड़े में फेंकी मिलीं। इसके बाद कई प्रत्याशियों समेत बड़ी संख्या में लोगों ने गड़बड़ी का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया।
सूचना मिलते ही डीएम व एसपी भी मौके पर पहुंच गए। डीएम ने मामले में दो कर्मियों को निलंबित कर एफआईआर दर्ज करा दी है। उन्होंने कहा है कि यह ईवीएम कमीशनिंग के दौरान निकली पर्चियां हैं लेकिन यह बाहर कैसे पहुंची, इसकी जांच कराई जाएगी। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं।
सरायरंजन से जदयू के विजय कुमार चौधरी उम्मीदवार हैं। पहले चरण में छह नवंबर को यहां 73.42 प्रतिशत मतदान हुआ था। शनिवार को कुछ लोगों ने बच्चों को वीवीपैट की फेंकी पर्ची से खेलते देखा। इसकी सूचना पर जुटे लोगों ने प्रशासन के खिलाफ हंगामा शुरू कर दिया।
सूचना पर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम रोशन कुशवाहा, एसपी अरविंद प्रताप सिंह, एसडीओ दिलीप कुमार, एएसपी संजय कुमार पांडेय समेत अन्य पदाधिकारी मौके पर पहुंचे।
अधिकारियों ने सभी पर्चियों को कलेक्ट कर निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। डीएम ने तत्काल दो कर्मियों को निलंबित कर एफआईआर दर्ज करा दी है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर दोषियों पर कारवाई की जाएगी। वहीं, लोगों का कहना है कि यह चुनाव कर्मचारियों की लापरवाही है। मामले की सूचना पर विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशी भी घटनास्थल पर पहुंचे और प्रशासन से जांच की मांग की है।
डीएम रोशन कुशवाहा ने कहा कि पर्चियों पर मतदान केंद्र की पहचान कर दोषियों को चिह्नित किया जाएगा। प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है। दो कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ये वीवीपैट पर्चियां मॉक पोल के दौरान उपयोग की गई थीं, जिन्हें निस्तारित करने में एआरओ ने लापरवाही बरती है। इससे वास्तविक मतदान प्रक्रिया की अखंडता पर कोई असर नहीं पड़ा है।
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