
पुलिस अधिकारियों ने अपराधों की विवेचना में DNA व फोरेंसिक साक्ष्यों के महत्व के साथ जानी इनके संकलन की सही प्रक्रिया
इन्दौर. अपराधों में त्वरित कार्यवाही व इनमें वैज्ञानिक साक्ष्यों का उपयोग कर, विवेचना को और बेहतर व गुणात्मक तरीके से कर, अपराधियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के उद्देश्य से पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर श्री संतोष कुमार सिंह के निर्देशन में कल दिनांक 08.11.25 को पुलिस कमिश्नर कार्यालय के सभागार में पुलिस के विवेचना अधिकारियों की दक्षता उन्नयन हेतु DNA sample Collection, Preservation, Storage and Documentation in POCSO and Adult Rape Cases” विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
उक्त प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थिति में आर.एफ.एस. एल. इन्दौर के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी श्री अविनाश पुरी व उनकी टीम द्वारा नगरीय इंदौर के उपनिरीक्षक से सहायक पुलिस आयुक्त स्तर तक के करीब 60 विवेचना अधिकारियों को विभिन्न अपराधों एवं मर्ग जांच में फोरेंसिक साक्ष्यों के महत्व एवं अनुसंधान तथा DNA परीक्षण में किन बातों का ध्यान रखा जाए व किस प्रकार किया जाए इसके संबंध में प्रशिक्षण दिया गया।
उक्त सेमिनार में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियो एवं वैज्ञानिक अधिकारी द्वारा उपस्थित सभी विवेचना अधिकारियों को बताया कि, अपराधों में हर स्तर पर बारीकी से जांच होनी चाहिए, इसमें थोड़ी सी चूक भी अपराधी के बचाव में सहायक हो सकती है। सभी प्रकार के अपराधों एवं बच्चों व महिला अपराधों में फोरेंसिक साक्ष्य अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है अतः इन्हें सहेजने व अपराधों की विवेचना में इनका प्रयोग करने में पूर्ण सावधानी बरतनी चाहिए तथा जांच के दौरान सभी वैज्ञानिक पहलुओं का विशेष ध्यान रखना चाहिये।
साथ ही कई गंभीर प्रकरणों, POCSO एक्ट व बलात्कार के प्रकरणों में डीएनए परीक्षण किस प्रकार सहायक हो सकता है, अतः डीएनए परीक्षण हेतु इनके सैंपल के सही संकलन व जांच हेतु भेजने के लिए ध्यान रखने वाली सावधानियों व प्रक्रिया आदि के संबंध में विस्तृत रूप से समझाया गया।
तथा उन्हें अपराधों की जांच में साक्ष्यों का संकलन, घटना स्थल के निरीक्षण के समय ध्यान रखने वाली बारीकियों से भी अवगत करवाया।
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