
इन्दौर। अब इंदौर (Indore) शहर में नागरिकों की प्यास बुझाने के लिए नर्मदा (Narmada) का पानी लाने के पंप सौर ऊर्जा (Solar energy) से चलाए जाएंगे। इसके लिए 60 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू होने की स्थिति बन गई है। इस पहल से नगर निगम (Municipal council) के बिजली के बिल में हर महीने 5 करोड़ रुपए की बचत होगी।
नगर निगम द्वारा नर्मदा पेयजल योजना के पंप चलाने के लिए जलूद में 60 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता वाला सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया गया है। इस प्लांट को लगाने में 250 करोड रुपए खर्च हुए हैं। निगम द्वारा यह राशि ग्रीन बांड जारी कर जुटाई गई। इस सौर ऊर्जा संयंत्र का काम शुरू कर उसे तेजी से पूरा करने का लक्ष्य रखा गया। इस कार्य के अंतर्गत सौर पैनल्स, इन्वर्टर और ग्रिड इंटरफेस जैसी सुविधाओं को तैयार किया गया।
निगम परिषद की सबसे बड़ी उपलब्धि… हर माह 5 करोड़ की बचत करेगा निगम : महापौर
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि इंदौर को सोलर सिटी के रूप में तब्दील करने की दिशा में यह हमारे द्वारा उठाया गया एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है। इस कदम के परिणामस्वरूप एक तरफ जहां जलूद के नगर निगम के बिजली के बिल में 5 करोड रुपए प्रतिमाह की कमी आएगी, वहीं दूसरी तरफ हजारों टन कार्बन डाइऑक्साइड का विसर्जन भी रुकेगा। अब इस सौर ऊर्जा संयंत्र के कनेक्शन को जोडऩे का काम किया जाना है। इस काम में एक महीने का वक्त और लगेगा। अधिकतम रूप में वर्ष 2026 में नगर निगम में सौर ऊर्जा की बिजली से नर्मदा के पंप चलाए जा सकेंगे। भार्गव आज इस संयंत्र की स्थिति का अवलोकन करने के लिए मीडिया के दल को लेकर जलूद रवाना हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना का पूरा होना और पानी के लिए सोलर बिजली का मिलना नगर निगम की वर्तमान परिषद के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में माना जाएगा। महापौर ने कहा कि इंदौर देश का पहला ऐसा शहर है जिसके द्वारा ग्रीन बांड जारी कर ग्रीन एनर्जी पैदा करने की दिशा में काम शुरू किया गया। अब हमारा पहला काम मुकाम की तरफ बढ़ गया है। जैसे ही सौर ऊर्जा से पानी के पंप चलाने का काम शुरू होगा तो उसके साथ में नगर निगम को कमाई का एक और रास्ता मिल जाएगा। हजारों टन कार्बन का उत्सर्जन कम होने से हम कार्बन क्रेडिट के माध्यम से भी करोड़ों रुपए की आय अर्जित कर सकेंगे।
अभी 30 करोड रु. का आता है बिल
नर्मदा पेयजल योजना का जलूद का नगर निगम का बिल अभी 30 करोड़ रुपए प्रतिमाह का आता है। अब इस प्रोजेक्ट के शुरू हो जाने से यह बिल करीब 25 करोड़ रुपए का हो जाने की उम्मीद है। अभी नर्मदा पेयजल योजना के सारे पंप इस सोलर बिजली से नहीं चल पाएंगे। अभी तो केवल 60 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है तो इतनी बिजली के ही पंप चल सकेंगे। बाकी के पंप चलाने के लिए बिजली कंपनी से लिए गए कनेक्शन के माध्यम से काम किया जाएगा।
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