
इन्दौर। असरावद खुर्द गांव (Asravad Khurd village) के कुत्तों (Dog) का लगातार शिकार करने वाली मादा तेंदुआ (female leopard) आखिरकार वन (forest) विभाग की रेस्क्यू टीम के पिंजरे में फंस ही गई, जिसे लेकर रालामण्डल एसडीओ उसका मेडिकल चेकअप कराने कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय पहुंचे। उसे स्वस्थ पाए जाने पर कल चुपचाप घने जंगलों में छोड़ दिया।

इस मामले में रेस्क्यू रालामण्डल टीम के अधिकारियों से जब बात की तो बार-बार पूछने के बाद भी वह जवाब देने में आखिरी तक टालमटोल करते रहे। आखिरकार नवलखा स्थित वन विभाग कार्यालय और असरावद खुर्द विद्युत सबस्टेशन के कर्मचारियों ने बताया कि खबर तो सही है, मगर बड़े अधिकारियों ने खबर बताने से इनकार किया है। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की शाम को रालामण्डल रेस्क्यू टीम को विद्युत सबस्टेशन के कर्मचारियों से खबर मिली कि उन्होंने तेंदुए को मुंह में कुत्ते को दबाकर ले जाते देखा है। इसके बाद रेस्क्यू टीम पिंजरा लेकर मौके पर पहुंची। मौके पर लगाए गए पिंजरे में रात को 3 बजे तेंदुए के फंसने की जानकारी कर्मचारियों से रेस्क्यू टीम अधिकारियों को मिली, जिसे लेकर रालामण्डल एसडीओ उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराने चिडिय़ाघर पहुंचे। यहां पर स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान पता चला कि पिंजरे में पकड़ा गया तेंदुआ मादा है और इसकी उम्र लगभग 4 साल है और यह स्वस्थ है। इसके बाद कल सोमवार को इस मादा तेंदुए को जंगल में छोड़ दिया गया
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