
इंदौर, प्रदीप मिश्रा। जिला व्यापार उद्योग केंद्र ने औद्योगिक गाइड लाइन के अंतर्गत शासन के नियमों का पालन नहीं करने वाली 8 औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 5 स्माल इंडस्ट्रीज की भूखंड लीज निरस्त कर दी है । इसके अलावा 3 अन्य इंडस्ट्रीज यूनिट को कारण बताओ नोटिस जारी किए। इन्होंने अगर 30 दिन के अंदर जवाब नहीं दिया तो इनसे भी जमीन वापस लेने की कार्रवाई की जाएगी।
जिला उद्योग व्यापार केंद्र ने जिन उद्योगों की जमीन लेने की कार्रवाई शुरू की है, उसकी कीमत आज करोड़ रुपए से भी ज्यादा की है। निरस्त की गई औद्योगिक जमीनें सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया से लेकर पोलोग्राउंड इंडस्ट्री कैम्पस, बड़ा बांगड़दा और राऊ सहित गोकन्या खंडवा रोड औद्योगिक क्षेत्र में हैं। शासन की योजना तो यह है कि शहर में उद्योग खुलें, जिससे बेरोजगारों को रोजगार मिले, राज्य का राजस्व बढ़े। मगर जिला व्यापार उद्योग केंद्र से लाखों रुपए की सस्ती जमीन लेने वाली कई औद्योगिक इकाइयों के मामले में ऐसा कतई नहीं हो रहा है। कई डिफाल्टर उद्योग संचालक तो शासन की औद्योगिक संबंधित प्रोत्साहन नीतियों का नाजायज फायदा उठाते आ रहे हैं। यह न तो उद्योग तो चला रहे, न रोजगार दे रहे, बल्कि करोड़ों रुपए की औद्योगिक जमीनें दबाकर सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे हैं।
इन 5 उद्योगों के भूखंड आवंटन निरस्त
जिला व्यापार उद्योग केंद्र ने जिन औद्योगिक इकाइयों से जमीन वापस लेने की कार्रवाई करते हुए भूखंड की लीज निरस्त की कार्रवाई शुरू की है, उनमें यह 5 इंडस्ट्रीज यूनिट शामिल हैं।
मोडक बेल्टिंगस प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी की 3750 वर्गफीट जमीन, जिसका भूखंड क्रमांक 1 की लीज निरस्त की गई है। यह सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया के सेक्टर डी में है।
क्वालिटी चाइनीज फूड कम्पनी की 4144 वर्गमीटर जमीन की भी लीज निरस्त कर दी गई है। इसका भूखंड क्रमांक 3 और सर्वे नंबर1076 है, जो कि जिला व्यापार उद्योग केंद्र के राऊ औद्योगिक क्षेत्र में है।
सांची यंत्र उद्योग की 43 हजार 460 वर्गफीट जमीन निरस्त की है, जिसका भूखंड क्रमांक 1 और सर्वे नंबर 26 है। यह जमीन अन्य औद्योगिक क्षेत्र गोकन्या इंदौर में है।
अंजलि फेब्रिकेशन की 24160 वर्गमीटर जमीन, जिसका भूखंड क्रमांक ई -5 है। यह सांवेर रोड इंडस्ट्री एरिया के सेक्टर-ए में है। इसकी भी लीज निरस्त कर दी गई है।
एके प्लास्टिक इंडस्ट्री की सांवेर रोड इंडस्ट्री एरिया के सेक्टर -बी में 10,000 वर्गफीट जमीन है, जिसका भूखंड क्रमांक 93/ए है। इसकी भी लीज निरस्त कर दी गई है।
इन 3 इंडस्ट्रीज को कारण बताओ नोटिस थमाए
– पांच इंडस्ट्रीज की लीज निरस्त करने के अलावा जिनको 30 दिवसीय कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं, उनमें मिर्जा पोल्ट्री फार्म। इसके पास इंदौर के बड़ा बांगड़दा में 27 हजार 120 वर्गफीट जमीन है, जिसका भूखंड क्रमांक -सी और खसरा नंबर 717/1 है।
– उत्कर्ष इंटरप्राइजेस के पास पोलोग्राउंड इंडस्ट्री एरिया में 11,100 वर्गफीट जमीन है, जिसका भूखंड 111/सी -2 है। इसको भी कारण बताओ नोटिस जारी कर 30 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है।
-केडिया इंडस्ट्रीज, इसके पास सांवेर रोड इंडस्ट्रीज एरिया के सेक्टर- ई में 1650 वर्गमीटर जमीन है। इसका भूखंड क्रमांक 81/ सी है।
जिनकी जमीन निरस्त की वह उद्योग कमिश्नर के दरबार जा पहुंचे
अब देखना यह है कि जिला व्यापार उद्योग केंद्र ने जिनकी लीज निरस्त की है, इनसे करोड़ों रुपए की जमीन वापस ले पाता है कि नहीं, क्योंकि लीज निरस्त होते ही 5 उद्योग संचालक इंडस्ट्रीज कमिश्नर के पास अपील करने पहुंच चुके हैं। दरअसल अब तक यही होता आ रहा है। जिला व्यापार उद्योग केंद्र जमीन वापस लेने के लिए इधर लीज निरस्त करता है, उधर औद्योगिक इकाई वाले उद्योग आयुक्त के पास सुनवाई के लिए अपील करने पहुंच जाते हैं।
शासन की औद्योगिक संबंधित गाइड लाइन का बार-बार उल्लंघन करने पर 8 के खिलाफ कार्रवाई कर 5 इंडस्ट्रीज यूनिट की भूखंड लीज निरस्त कर दी है, वहीं 3 अन्य को कारण बताओ नोटिस देकर 30 दिन में जवाब मांगा है। तय सीमा में जवाब नहीं मिलने पर इन तीनों की भी लीज निरस्त कर दी जाएगी।
स्वप्निल गर्ग, महाप्रबंधक, इंदौर जिला व्यापार उद्योग केंद्र
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