
- परिजन का आरोप…तनाव के कारण गई बुजुर्ग की जान, इंसाफ की गुहार
जबलपुर। शहर में जमीन माफिया की सक्रियता को उजागर करने वाला गंभीर मामला सामने आया है। 81 वर्षीय बुज़ुर्ग किसान स्व. देवीदीन लोधी की 2.350 हेक्टेयर पैतृक कृषि भूमि को फर्जी दस्तावेज़, फर्जी रजिस्ट्री, इम्पर्सनेशन और बैंक फ्रॉड के जरिए हड़प लिया गया। परिवार का आरोप है कि धोखाधड़ी के कारण हुए मानसिक तनाव ने बुज़ुर्ग की जान ले ली।
परिवार की शिकायत के अनुसार मुख्य आरोपी रमाकांत सतनामी और उसके साथियों ओमप्रकाश पटेल, प्रतीक पाठक व राजेन्द्र सतनामी ने सीमांकन और नपाई के बहाने बुज़ुर्ग को रजिस्ट्री कार्यालय ले जाकर 18 अक्टूबर 2024 को जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कर दी। दस्तावेज़ न पढ़ाए गए, न समझाए गए और बिना सहमति के अंगूठा हस्ताक्षर लिए गए। रजिस्ट्री में दर्शाए गए 31.60 लाख के तीन चेकों को परिवार ने पूरी तरह फर्जी बताया है। उनका कहना है कि न कोई चेक मिला और न किसी बैंक खाते में एक रुपया आया। शिकायत के अनुसार आरोपी प्रतीक बुज़ुर्ग को बैंक ले गया और खुद को उनका बेटा बताकर नया बैंक खाता खुलवाया, जिसके बाद पासबुक, एटीएम, चेकबुक और दस्तावेज़ अपने कब्जे में ले लिए। परिवार ने इसे स्पष्ट इम्पर्सनेशन और बैंक फ्रॉड बताया है। परिवार ने पंजीयन प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएँ बताते हुए सर्विस प्रोवाइडर रीता बोस और रजिस्ट्रार कमल किशोर बरापात्रे पर मिलीभगत और गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। परिवार ने दिसंबर 2024 से मई 2025 तक एसपी ऑफिस, उप-पंजीयक कार्यालय, थाना बरेला और जनसुनवाई में कई शिकायतें दीं, लेकिन समय पर कार्रवाई न होने से आरोपियों का हौसला बढ़ता गया। मुख्य आरोपी रमाकांत सतनामी पर पहले से ही आदिवासी जमीन धोखाधड़ी, वित्तीय गबन, जालसाजी, डबल रजिस्ट्री और अन्य अपराधों सहित कई एफआईआर दर्ज हैं। परिवार एफआईआर क्रमांक 354/2025 में जालसाजी, धोखाधड़ी, इम्पर्सनेशन, साजिश, आईटी एक्ट और सीनियर सिटीजन एक्ट की धाराएँ जोड़कर आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी, कस्टोडियल पूछताछ, बैंक जांच और फर्जी रजिस्ट्री निरस्त करने की मांग कर रहा है। परिवार का कहना है कि यह सिर्फ जमीन विवाद नहीं, बल्कि बुज़ुर्ग की जान ले लेने वाला संगठित अपराध है। पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है, जबकि शहर में जमीन धोखाधड़ी को लेकर चिंता बढ़ गई है।