
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अफसरों को ही नहीं पता पार्किंग व्यवस्था कैसे होगी, पुलिस प्रशासन अब जगह करेगा तलाश
– 1500 स्क्वेयर फीट के भूखंड पर मकान की अनुमति, पार्किंग छुड़वाता है निगम
– गोपाल मंदिर काम्प्लेक्स सहित पूरे प्रोजेक्ट के लिए नहीं ली विधिवत मंजूरी
– काम्प्लेक्स में 221 दुकानों के लिए भी अपर्याप्त है पार्किंग
– सभागृह में होने वाले आयोजनों में जनता गोपाल मंदिर तक कैसे पहुंचेगी
– राजबाड़ा के पूरे क्षेत्र को जबकि नो व्हीकल झोन बनाने की भी चलती रही है कवायद
इंदौर, राजेश ज्वेल।
स्मार्ट सिटी (Smart City) के कई प्रोजेक्टों (projects) की आलोचना होती रही है। इसमें गोपाल मंदिर (Gopal Mandir ) भी शामिल है। यहां बने शॉपिंग काम्प्लेक्स में भी पार्किंग (parking) की सुविधा बहुत कम है। उससे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि 550 सीटों का जो सभागृह, यानी ऑडिटोरियम बनाया, उसमें 120 बैठक क्षमता वाली आधुनिक लाइब्रेरी भी तैयार की गई। उसके लिए एक साइकिल भी खड़ी हो जाए इतनी भी पार्किंग की जगह नहीं छोड़ी गई है। दूसरी तरफ 1 दिसंबर को मुख्यमंत्री इसका लोकार्पण कर रहे हैं और स्मार्ट सिटी के अफसरों को ही फिलहाल यह जानकारी नहीं है कि पार्किंग व्यवस्था कैसे और कहां पर होगी। उनका जवाब है कि पुलिस प्रशासन, यातायात विभाग मिलकर जगह तलाश करेगा।
आम जनता के लिए नगर निगम सारे कायदे-कानून लागू करता है और 1500 स्क्वेयर फीट के भूखंड पर आवासीय नक्शा मंजूर करते वक्त भी पार्किंग छुड़वाई जाती है। दूसरी तरफ नगर निगम ने खुद अपने मार्केटों के निर्माण के वक्त भी पार्किंग का कोई बंदोबस्त नहीं किया और 56 दुकान का जब जीर्णोद्धार किया तो वहां भी पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं की, जिसके चलते जनता को सडक़ों पर वाहन पार्क करना पड़ते हैं। एक तरफ पूरे राजबाड़ा क्षेत्र को नो व्हीकल झोन बनाने की कवायद ही चलती रहती है, जहां पर पैदल चलना भी मुश्किल पड़ता है। जहां पर गोपाल मंदिर में नगर निगम ने जहां शॉपिंग काम्प्लेक्स बिना अनुमति बना डाला, जिसमें 231 दुकानें हैं और बेसमेंट में सिर्फ दोपहिया वाहनों की ही कुछ पार्किंग की व्यवस्था की गई है। यही कारण है कि अधिकांश दुकानों ने अपना कारोबार ही शुरू नहीं किया। दूसरी तरफ आनन-फानन में गोपाल मंदिर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जो विकास कार्य करवाए गए, उसे गीता भवन के रूप में भी तय कर लिया। पिछले दिनों अचानक मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गोपाल मंदिर का अवलोकन किया। उसमें सभागृह सहित अन्य कार्य देखे और अब 1 दिसंबर को लोकार्पण भी रखा गया है, मगर गोपाल मंदिर विकास के ढोल की सबसे बड़ी पोलपट्टी तो यह है कि 550 सीटों का सभागृह तो बनाया ही, साथ में 120 की बैठक क्षमता वाली लाइब्रेरी भी बना दी, मगर एक भी वाहन छोड़ साइकिल भी नहीं खड़ी हो सकती, इतनी भी जगह पार्किंग की नहीं छोड़ी। यह सामान्य बुद्धि की बात है कि यहां बने ऑडिटोरियम में कई धार्मिक-सांस्कृतिक और अन्य आयोजन होंगे, उसमें लोग पहुंचेंगे कैसे और अपने वाहन कहां खड़े रखेंगे। स्मार्ट सिटी के सीईओ हर्ष जैन से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे तो अभी आए हैं, पहले के अधिकारियों ने योजना कैसे बनाई उसकी जानकारी नहीं है। अलबत्ता यह बात सही है कि पार्किंग व्यवस्था करना पड़ेगी और इसके लिए प्रशासन, पुलिस, यातायात विभाग ही प्लान बनाएंगे और पार्किंग के लिए जगह तलाशी जाएगी।
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