
इंदौर। जिले में पिछले 10 वर्षों में हुई एचआईवी जांच और संक्रमित मरीजों के आंकड़े बताते है कि वर्ष 2016 से 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार हर वर्ष बड़ी संख्या में सामान्य व्यक्ति और गर्भवती महिलाएं जांच करवा रही हैं, जिससे एड्स रोकथाम कार्यक्रमों की पहल पर आंकड़े सामने तो आ रहे हैं, लेकिन रोकथाम नहीं हो पा रही है। वर्ष 2025 में अक्टूबर तक कुल 70,390 व्यक्तियों की जांच हुई है, जिनमें से 519 लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए, जिनमे 23 गर्भवती महिलाएं हैं। इनमें 512 का सफलतापूर्वक पंजीयन कर उपचार प्रक्रिया शुरू की गई है।
विश्व एड्स दिवस के मौके पर कल से एक सप्ताह तक इंदौर जिले में रोकथाम व जागरूकता की पहल की जा रही है, लेकिन पिछले 10 साल के आकड़ों के अनुसार जिले में हर साल लगभग 500 से 700 मरीज रजिस्टर्ड किए गए है। 2025 अक्टूबर तक कि रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष भी 519 मरीज सामने आए हैं, वहीं गर्भवतियों में भी हर साल 20 से 30 तक में संक्रमण पाया गया है। जिला अधिकारियों के अनुसार, एड्स के प्रति जागरूकता ही संक्रमण पर नियंत्रण का सबसे प्रभावी उपाय है। बशर्ते समय पर जांच और उपचार शुरू किया जाए। इसलिए विश्व एड्स दिवस पर जनजागरूकता फैला रहे हैं। उनके अनुसार एड्स से डरें नहीं— जानकारी और परीक्षण से ही सुरक्षा संभव है। इस वर्ष एड्स दिवस का मुख्य संदेश है अवरोधों को पार कर एड्स प्रतिक्रिया को सशक्त बनाना है।
प्रदर्शनी से लेकर नुक्कड़ नाटक तक होंगे
जागरूकता सप्ताह के दौरान जिले के सभी विकासखंडों और ग्राम पंचायत स्तर पर भी गतिविधियां आयोजित होंगी। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा स्कूलों, तकनीकी संस्थानों, आईटीआई, नर्सिंग कॉलेज, डेंटल और मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञ व्याख्यान दिए जाएंगे। छात्रों को एड्स के संक्रमण, बचाव, परीक्षण, उपचार की उपलब्ध सरकारी सेवाओं तथा समाज से जुड़े मिथकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। पोस्टर प्रतियोगिता, स्लोगन राइटिंग, क्विज, रेड रिबन प्रतियोगिता और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से युवाओं को एड्स के प्रति संवेदनशील बनाया जाएगा। जिला एड्स नियंत्रण समिति द्वारा 1097 टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर और विभिन्न जांच सेवाओं की जानकारी भी व्यापक स्तर पर दी जाएगी। पूरे सप्ताह नि:शुल्क एड्स परीक्षण शिविर भी लगाए जाएंगे, जहां नागरिक गोपनीयता के साथ एचआईवी की जांच करवा सकेंगे।
जिले की 128 शासकीय व अशासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में नि:शुल्क एचआईवी जांच की सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही 11 आईसीटीसी केंद्र तथा ग्रामीण क्षेत्रों में उपस्वास्थ्य केंद्रों पर भी जांच व्यवस्था है। जिले में 3 डीएसआरसी व एसटीडी क्लिनिक संचालित हैं, जहां यौन संचारित संक्रमणों का उपचार किया जाता है। उच्च जोखिम समूह जैसे महिला सेक्स वर्कर,एमएसएम, ट्रक चालक, ट्रांसजेंडर, इंजेक्टिंग ड्रग यूजर्स और माइग्रेंट्स के लिए सामुदायिक आधारित स्क्रीनिंग कर रहा है।
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