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सिंहस्थ 2028, 22 करोड़ से होगा ‘सम्राट विक्रमादित्य द हेरिटेज’ का विस्तार

December 02, 2025

श्रद्धालुओं के साथ ही नेता-अफसरों की भी पहली पसंद बना सीएम का ये ड्रीम प्रोजेक्ट

इंदौर, नासेरा मंसूरी।
बाबा महाकाल (Baba Mahakal) की नगरी उज्जैन (Ujjain) में सिहंस्थ 2028 (Simhastha 2028) में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को देखते हुए शासन-प्रशासन (governance and administration) ने तैयारियां तेज कर दी है। इसी कड़ी में उज्जैन में तैयार मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम की हेरिटज होटल का विस्तार भी किया जा रहा है। यहां दूसरे चरण में 11 नए कमरे बनेंगे। इसके साथ ही यहां पाथ वे और लैंड स्कैंपिंग के कुछ काम भी शामिल है। इसके लिए करीब 22 करोड़ के बजट की स्वीकृति की गई है। यह हेरिटज होटल महाकाल मंदिर से चंद कदम की दूरी पर स्थित है।

‘एमपीटी सम्राट विक्रमादित्य द हेरिटेज’ को मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम ने उज्जैन स्मार्ट सिटी के साथ मिलकर करीब 17 करोड़ की लागत से तैयार किया था। होटल शुरू होते ही ये श्रद्धालुओं और पर्यटकों की पहली पसंद बना कि यहां 19 कमरे भी कम पडऩे लगे। 22 करोड़ रुपए की लागत से 11 नए कमरे तैयार किए जा रहे हैं, जो परिसर में ही इस हेरिटज बिल्डिंग के पास स्थित होंगे। इस नई बिल्डिंग को हूबहू इसी हेरिटेज बिल्डिंग की तरह ही तैयार किया जाएगा और कमरे भी इसी तरह तैयार होंगे। इसके अलावा पार्किंग से लेकर पीछे बगीचे तक जाने के लिए एक खूबसूरत पाथ वे और कुछ लैंड स्कैंपिंग के काम भी इसमें शामिल है। परसों ही यहां इस काम के सिलसिले में अपर मुख्य सचिव पर्यटन और एमडी एमपी टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला, एमडी मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम डॉ इलैयाराजा टी और अन्य अधिकारी पहुंचे थे। एक से डेढ़ महीने में ये काम शुरू करने की बात कही जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, नई बिल्डिंग भी ठीक उसी पद्धति और मटेरियल से तैयार की जाएगी, जिस तरह ये पुरानी हेरिटेज बिल्डिंग तैयार की गई थी।


ये है पर्यटन विभाग का चौथा होटल
इसके अलावा मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम यहां तीन और अन्य होटल संचालित करता है, जिसमें शिप्रा, उज्जैनी और अवंतिका शामिल है। होटल अवंतिका में 32 कमरे, उज्जैनी में 33 और शिप्रा में 43 कमरे हैं। ये विभाग के इंदौर रीजन के अंतर्गत आते हैं। सिंहस्थ को लेकर ही शिप्रा और उज्जैनी में भी दो चरणों में विस्तार काम होना है, जिसमें कमरों से लेकर अन्य सुविधाएं बढ़ाई जानी है। श्री महाकाल महालोक बनने के बाद इस रीजन ने उज्जैन के कारण लगातार प्रदेश में कमाई के मामले में बाजी मारी हुई है।

पहुंच कठिन, लेकिन रोड बनते ही होगी आसान
फिलहाल इस होटल तक पहुंच आसान नहीं है कि ये होटल महाकाल मंदिर के बेहद नजदीक है। सिंह चौराहा तक तो गाडिय़ां पहुंच जाती है, लेकिन उसके बाद जाने के लिए संघर्ष है। यहां तक होटल का स्टाफ आकर मेहमानों को आराम से ई कार्ट से ले जाता हैं। कई बार जब महाकाल भक्तों की भीड़ कम होती है, तो गाडिय़ां अंदर भी चली जाती है, लेकिन अधिकारियों के अनुसार, सिंहस्थ 2028 प्रोजेक्ट में ही तैयार हो रही भारत माता मंदिर के नजदीक से होकर गुजर रही रामघाट को जोड़ती सडक़ यहां तक पहुंच को आसान बना देगी। ये सिहंस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी आसान होगा।

सीएम का प्रिय प्रोजेक्ट, खुद ही दिए कमरों से लेकर बगीचे तक के नाम
ये होटल मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का अतिप्रिय प्रोजेक्ट था। सीएम ने खुद ही यहां के 19 कमरों के नाम उज्जैन नगरी के इतिहास से जोडक़र दिए थे। मसलन मालविका, उर्वशी, देवी अहिल्या, मेनका, सम्राट विक्रमादित्य, राजा जयसिंह, महाराज अनुबिंद, रंभा, शकुंतला आदि। बताते हैं कि यहां मौजूद 3 रेस्टोरेंट, बगीचों और स्पा सेंटर का नामकरण भी सीएम ने खुद ही किया है। ये न केवल श्रद्धालुओं की, बल्कि नेता-अफसरों की भी पहली पसंद बना हुआ है कि 15 दिन पहले से भी यहां बुकिंग नहीं मिल रही है। इसके रूफ टॉप से लेकर कुछ कमरों से महाकाल शिखर के दर्शन होते हैं।

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