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अवॉर्ड पारित 200 करोड़ की जमीन पर बसी अवैध कॉलोनी की रजिस्ट्रियां होंगी शून्य

December 10, 2025

  • प्राधिकरण ने क्रय-विक्रय और निर्माण को किया अवैध घोषित, निर्मित पक्केमकानों को भी तोड़ेंगे…
  • मामला सुखलिया में विकसित अवैध कॉलोनी सांईनाथ पैलेस का

 

इंदौर। प्राधिकरण पहले तो सोया रहा और जब अवैध कॉलोनी कट गई और भूखंड बिक गए, 40 से अधिक लोगों ने पक्के मकान भी बना लिए, तब क्रय-विक्रय के साथ निर्माण को अवैध घोषित कर रजिस्ट्रियों को शून्य करवाने की कार्रवाई की जा रही है। पूर्व में भी अग्निबाण ने अवॉर्ड पारित और योजना में शामिल 200 करोड़ की जमीन का मामला उजागर किया था। पिछले दिनों प्राधिकरण ने निगम की सहायता से यहां बने 4 मकानों को तोड़ा और अपने बोर्ड भी लगा दिए। सुखलिया स्थित योजना 139 में 80 हजार स्क्वेयर फीट बेशकीमती जमीन पर राजनीतिक संरक्षण के चलते अवैध कॉलोनी सांईनाथ पैलेस ना सिर्फ कट गई, बल्कि नोटरियों पर भूखंड बेचे और कई रजिस्ट्रियां भी उसके आधार पर हो गई।

प्राधिकरण के भू-अर्जन अधिकारी सुदीप मीणा ने भी जाहिर सूचना के माध्यम से सुखलिया खसरा नम्बर 425/1 पार्ट एवं खसरा नम्बर 425/2 पार्ट में शामिल 0.793 हेक्टेयर यानी 80 हजार स्क्वेयर फीट प्राधिकरण की जमीन योजना 139 में समाविष्ट होकर विधिवत अर्जित यानी अवॉर्ड पारित है। इन खसरों पर किसी भी तरह का िनर्माण, भूखंडों का क्रय-विक्रय भी अवैध होकर शून्य घोषित किया गया है। मीणा के मुताबिक, पिछले दिनों निगम की सहायता से कुछ मकानों को तोड़ा भी गया था और अब अन्य निर्माणों और मकानों को भी हटाएंगे और उसके साथ ही रजिस्ट्रियों को शून्य करवाने के लिए भी कोर्ट में वाद दायर किया जा रहा है।


उल्लेखनीय है कि प्राधिकरण की इस पुरानी योजना 139 में बीते कई समय से अवैध भूखंडों की खरीदी-बिक्री चलती रही और कई बार शिकायतें भी की गई। मगर राजनीतिक दबाव-प्रभाव के चलते प्राधिकरण ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया, जिसके चलते लगातार मकान भी बनते गए। 30 से 40 पक्के मकानों का निर्माण मौके पर हो चुका है और कई भूखंडों को नोटरी के जरिए बेचा भी गया और रजिस्ट्रियां भी करवा ली। प्राधिकरण ने इनसे जुड़े दस्तावेजों यानी रजिस्ट्रियों की जानकारी पंजीयन विभाग से भी मांगी है। साथ ही जो जमीनें खाली है और जिन अवैध मकानों को तोड़ा गया, वहां भी प्राधिकरण ने अपने सूचना ब$ोर्ड लगवा दिए हैं। पिछले दिनों प्राधिकरण को शिकायतों के साथ कुछ रजिस्ट्रियों-नोटरियों की कॉपियां भी मिली, जिसके आधार पर जांच-पड़ताल की गई।

यह भी महत्वपूर्ण है कि लम्बे समय तक प्राधिकरण खुद अपनी अवॉर्ड पारित जमीन बचाने में असफल रहा। दूसरी तरफ कोई राजनीतिक बोर्ड भी नहीं है। संभागायुक्त खुद उसके अध्यक्ष हैं और कलेक्टर संचालक के साथ-साथ निगमायुक्त सहित अन्य अधिकारी भी हैं। बावजूद इसके प्राधिकरण ना तो अवैध कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा सका और ना ही सभी निर्माणों को हटा पाया। प्राधिकरण ने निगम को भी पत्र लिखकर इस अवैध कॉलोनी में बने मकान को तोडऩे को कहा था। उक्त कॉलोनी वार्ड 22 झोन-5 में आती है और इस सांईनाथ पैलेस के नाम से काटी गई अवैध कॉलोनी में नोटरी के जरिए भूखंड बेच दिए और अब उनके मकानों पर बुलडोजर चलेंगे। इस कॉलोनी को लेकर शिकायतकर्ता लोकेश हार्डिया का भी कहना है कि वे लगातार भूमाफियाओं द्वारा कब्जा करने, अवैध कॉलोनी काटने की शिकायत करते रहे हैं। यहां तक कि कांग्रेस पार्षद राजू भदौरिया ने भी इस अवैध कॉलोनी की कई बार शिकायत की। मगर भाजपा से जुड़े बड़े नेताओं के संरक्षण में पुलिस प्रशासन, निगम से लेकर प्राधिकरण कोई कार्रवाई नहीं कर पाया। मगर अब प्राधिकरण की नींद खुली और रजिस्ट्रियों को शून्य करवाया जाएगा।

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