
इंदौर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) में पारिवारिक विवाद का एक बेहद खास मामला सुनवाई के लिए आया है, जिसमें पति-पत्नी दोनों पाकिस्तान (Husband and Wife Pakistani) के रहने वाले हैं, हालांकि पति बीते कुछ सालों से भारत में रह रहा है। अब इस कपल ने पारिवारिक सुलह के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल इस हिंदू जोड़े की शादी साल 2020 में पाकिस्तान में हुई थी, और शादी के कुछ समय बाद से ही यह दोनों अलग-अलग देशों में रह रहे हैं। इस दौरान सुलह-समझौते की तमाम कोशिशें नाकाम होने के बाद दोनों के बीच विवाद का यह मुद्दा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय पहुंच गया है। महिला ने पति पर आरोप लगाया है कि वह दूसरी शादी करने की तैयारी कर रहा है, वहीं पति का कहना है कि उसकी पत्नी उससे धन ऐंठने के लिए यह सब कर रही है।
पत्नी का आरोप- पति करने जा रहा दूसरी शादी
प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी महिला निकिता देवी (28) ने उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में रिट याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता निकिता पाकिस्तान के कराची शहर की रहने वाली है। उसने अपने पति विक्रम कुमार नागदेव (35) पर बिना तलाक दिए दूसरी शादी की तैयारी करने का आरोप लगाया है और अदालत से उसे भारत से वापस पाकिस्तान भेजने की गुहार लगाई है।
लॉन्ग टर्म वीजा पर इंदौर में रह रहा पाकिस्तानी शख्स
अधिकारियों के मुताबिक पति-पत्नी पाकिस्तान के नागरिक हैं और उनकी शादी 26 जनवरी 2020 को वहां के सिंध प्रांत में हुई थी। फिलहाल महिला का पति लंबी अवधि के वीजा (LTV) के आधार पर इंदौर में रह रहा है। पाकिस्तानी महिला ने याचिका में आरोप लगाया है कि उसके पति ने उसे छोड़ दिया है और वह भारत में रहने वाली एक महिला से मार्च 2026 में गैरकानूनी तौर पर दूसरी शादी की तैयारी कर रहा है।
याचिकाकर्ता के वकील दिनेश रावत ने गुरुवार को बताया कि पाकिस्तान में अपने मायके में रह रही निकिता ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत याचिका दायर की है जिस पर अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को मौलिक अधिकारों और अन्य कानूनी अधिकारों के मामलों में अलग-अलग रिट (औपचारिक आदेश) जारी करने की शक्ति देता है।
महिला की गुहार- पति उठा रहा बेजा फायदा
पाकिस्तानी महिला के वकील ने बताया, ‘मेरी मुवक्किल ने याचिका में उच्च न्यायालय से गुहार लगाई है कि कानूनी जटिलताओं का बेजा फायदा उठा रहे उनके पति को भारत में दूसरी शादी करने से रोका जाए और वापस पाकिस्तान भेज दिया जाए।’
पति बोला- वह अपनी मर्जी से पाकिस्तान लौटी थी
उधर, निकिता के पति ने अपनी पत्नी के आरोपों को खारिज किया है। नागदेव ने कहा, ‘पाकिस्तान में शादी के बाद हम भारत आ गए थे। इसके थोड़े समय बाद मेरी पत्नी अपनी मर्जी से पाकिस्तान लौट गई थी। वह भारत आने या आपसी सहमति से तलाक लेने को राजी नहीं हुई। मैंने अपने समुदाय की पंचायतों के जरिए भी पारिवारिक विवाद सुलझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी।’
शख्स ने कहा- अब पत्नी को तलाक देना चाहता हूं
शख्स ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी पारिवारिक विवाद के बहाने उससे धन ऐंठने की कोशिश कर रही है। नागदेव का कहना है कि वह एलटीवी के आधार पर इंदौर में रह रहा है और तमाम भारतीय कानूनों का पालन कर रहा है। उसने कहा, ‘अब मैं अपनी पत्नी को तलाक देना चाहता हूं। उसने मुझे देश-विदेश में बदनाम करके मानसिक रूप से परेशान कर दिया है।’
सिंधी पारिवारिक परामर्श केंद्र भी पहुंचा था मामला
पाकिस्तानी दंपति का यह पारिवारिक विवाद उच्च न्यायालय से पहले, इंदौर के ‘सिंधी पंच मध्यस्थता एवं विधिक परामर्श केंद्र’ पहुंचा था, लेकिन वहां कोई समझौता नहीं हो सका। केंद्र के प्रमुख और सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने बताया, ‘मेरी कई कोशिशों के बाद भी दोनों पक्षों के बीच सुलह-समझौता नहीं हो सका। इसके बाद मैंने जिला प्रशासन के सामने पेश अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की कि नागदेव को वापस पाकिस्तान भेज दिया जाना चाहिए क्योंकि वह और उसकी पत्नी दोनों पाकिस्तानी नागरिक हैं तथा उनके पारिवारिक विवाद का न्याय क्षेत्र पाकिस्तान है।’
मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहलाने वाले इंदौर में लंबी अवधि के वीजा (एलटीवी) या रेजिडेंशियल परमिट के आधार पर सिंधी हिंदू समुदाय के उन शरणार्थियों की बड़ी आबादी रहती है जो कथित प्रताड़ना के चलते पाकिस्तान से पलायन कर भारत आए हैं।
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