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इंदौर-उज्जैन मेट्रो प्रोजेक्ट फिलहाल ठंडे बस्ते में, अब वंदे मेट्रो दौड़ेगी

December 30, 2025

दो साल पहले अग्निबाण में प्रकाशित खबर सही साबित हुई, 10 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट सिंहस्थ के पूर्व संभव भी नहीं था

इंदौर। सिंहस्थ (Simhastha) के मद्देनजर इंदौर-उज्जैन (Indore-Ujjain) के बीच मेट्रो (metro) चलाने के प्रयास किए गए, जिसके चलते दिल्ली मेट्रो कॉर्पोरेशन से सर्वे (survey) भी करवाया और 10 हजार करोड़ रुपए की राशि खर्च होने का अनुमान लगाया गया। मगर फिलहाल इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट तो ठंडे बस्ते में चला गया और उसकी जगह वंदे भारत मेट्रो सेवा शुरू करने की घोषणा अभी हुई है, जो 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी और 40 से 45 मिनट में इंदौर-उज्जैन का सफर पूरा हो जाएगा। हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा है कि इंदौर-उज्जैन मेट्रो प्रोजेक्ट भी आने वाले वर्षों में अमल में लाया जाएगा। वंदे भारत मेट्रो को लेकर अग्रिबाण ने दो साल पहले खबर भी प्रकाशित की थी, जो अब सही भी साबित हुई, क्योंकि उस वक्त भी शासन ने इस प्रोजेक्ट पर काम करने की तैयारी की थी।


वंदे भारत की तर्ज पर केन्द्र सरकार वंदे भारत मेट्रो सेवा भी शुरू कर रही है और इस आशय की खबर का प्रकाशन अग्रिबाण ने इंदौर-उज्जैन के मद्देनजर किया भी था। दरअसल, इंदौर-उज्जैन मेट्रो प्रोजेक्ट महंगा पड़ रहा है और अभी जो इंदौर-उज्जैन में मेट्रो प्रोजेक्ट लाया जा रहा है वह भी लेट-लतीफी का शिकार हो गया है। इंदौर का मेट्रो प्रोजेक्ट ही फिलहाल अधर में लटका है और अंडरग्राउंड रुट को लेकर लगातार नित नए प्रयोग होते रहे और अब नए सर्वे के बाद डेढ़ से दो हजार करोड़ रुपए की लागत बढऩे का अनुमान भी लगाया जा रहा है, वहीं सिंहस्थ 2028 अब नजदीक आ गया है और तब तक इंदौर-उज्जैन के बीच मेट्रो प्रोजेक्ट शुरू ही नहीं हो सकता। लिहाज अब वंदे भारत मेट्रो के जरिए लाखों श्रद्धालुओं को इंदौर-उज्जैन के बीच यात्रा कराई जाएगी। मौजूदा रेलवे ट्रैक पर ही यह वंदे भारत मेट्रो चलेगी। यानी नए ट्रैक की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक बार में 3 हजार से अधिक यात्री सफर कर सकेंगे और रेल मंत्री ने सिंहस्थ से पहले इसका शुभारंभ करने की बात भी कही है। शटल सेवा की तरह यह वंदे भारत मेट्रो चलेगी, जो कि 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 40 से 45 मिनट में इंदौर से उज्जैन और फिर वहां से फिर श्रद्धालुओं को लाने-लेजाने का काम करेगी। केन्द्र सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है और रेलवे इस रूट पर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मौजूदा ट्रैक का सफल ट्रायल भी कर चुकी है। दरअसल, सिंहस्थ के मद्देनजर रेलवे विभाग व्यापक तैयारियों में जुटा है। इंदौर-उज्जैन और उसके आसपास के स्टेशनों से 300 से अधिक ट्रेनों का संचालन किया जाएगा और जिसमें वंदे भारत मेट्रो ट्रेन भी एसी और नॉन एसी कोच सहित सभी सुविधाओं से लैस रहेगी और इस ट्रेन को नमो भारत ट्रेन के नाम से भी जाना जाएगा। इस संबंध में सांसद शंकर लालवानी का कहना है कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से उनकी चर्चा हुई और उन्होंने भरोसा दिलाया कि सिंहस्थ से पहले इंदौर-उज्जैन रुट पर यह वंदे भारत मेट्रो सेवा शुरू हो जाएगी। इसमें मेट्रो ट्रेन की तरह ही विश्व स्तरीय कोच रहेंगे और सभी तरह की सुविधाएं रहेंगी। इस तरह की पहली ट्रेन काशी में शुरू होगी और फिर इसके बाद इंदौर-उज्जैन को इसकी सौगात मिलेगी। 12 कोच इस ट्रेन में रहेंगे, जिसमें 1100 से अधिक यात्रियों के बैठने और 2 हजार यात्रियों के खड़े होकर सफर करने की व्यवस्था रहेगी। तेज गति से चलने वाली ट्रेन के रूप में ही इसे डिजाइन किया गया है।

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