
भोपाल। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की मंजूरी के 48 घंटे बाद मप्र में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 का अध्यादेश शनिवार से लागू हो गया। गुरुवार को राज्यपाल के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने के बाद सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर उसकी प्रति प्रदेश के सभी कलेक्टर को भेज दी है। इससे पहले शिवराज कैबिनेट के प्रस्ताव को लखनऊ भेजा गया था, जहां गुरुवार को राज्यपाल ने हस्ताक्षर कर दिए थे। हालांकि इसे 6 महीने में विधानसभा से पास कराना होगा। पिछले साल 29 दिसंबर को शिवराज सरकार ने कैबिनेट बैठक में अध्यादेश के ड्राफ्ट को अनुमोदन दे दिया था। अध्यादेश में प्रलोभन, बहलाकर, बलपूर्वक या धर्मांतरण करवाकर विवाह करने या करवाने वाले को एक से 10 साल तक की सजा और अधिकतम एक लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इससे पहले उसे विधानसभा सत्र में लाना चाह रहे थे, लेकिन कोरोना में विधानसभा सत्र रद्द होने के कारण इसे विधानसभा में पेश नहीं किया जा सका था। इसके बाद ही अध्यादेश लाने का निर्णय लिया गया था।
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