
पुणे पोर्शे कांड… जांच कमेटी का गठन
पुणे। पुणे पोर्श कांड (Pune Porsche scandal) में नाबालिग आरोपी (minor accused) को निबंध (Essay) लिखवाकर जमानत (bail) देने वाले बोर्ड (Board) पर भी तलवार लटकती नजर आ रही है। इस मामले में जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी (Committee) का गठन किया है। यह कमेटी बोर्ड के दो सदस्यों के पुराने रिकॉर्ड तक खंगालने जा रही है। 19 मई को हुए सडक़ हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी को निबंध लिखने जैसी शर्तों पर कुछ घंटों में ही जमानत दे दी थी। राज्य सरकार की तरफ से बोर्ड में नियुक्त किए गए दो सदस्यों के खिलाफ जांच होगी। इसके अलावा बोर्ड में एक मुख्य मजिस्ट्रेट भी है, जिसे न्यायपालिका ने नियुक्त किया है। तीनों सदस्यों का कार्यकाल तीन साल का है।
रिपोर्ट बदलवाने के लिए डॉक्टरों को 14 बार फोन
पुणे पोर्श कांड में कारोबारी पिता ने अपने नाबालिग बेटे की ब्लड रिपोर्ट बदलवाने के लिए सासून अस्पताल के डॉक्टरों को 14 बार फोन लगाया था। इस मामले में दो डॉक्टरों और अस्पताल के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट से रिमांड की मांग करते हुए पुलिस ने इसकी जानकारी दी है। पुलिस ने एक स्थानीय अदालत को बताया कि उन्हें पता चला है कि आरोपियों ने नाबालिग के ब्लड सैंपल को बदलने के लिए रिश्वत ली थी। नाबालिग के नमूने को कूड़ेदान में फेंक दिया गया था। शराब की मौजूदगी का पता लगाने के लिए उसकी जगह किसी अन्य व्यक्ति के रक्त के नमूने को जांच के लिए भेजा गया था।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved