
मुंबई । महाराष्ट्र (Maharashtra) में चल रहे हिंदी बनाम मराठी विवाद (Hindi vs Marathi) पर शिवसेना उद्धव गुट (Shiv Sena Uddhav faction) के नेता आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने अपनी राय रखी है। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में किसी भी तरह का कोई भाषा विवाद नहीं है। यह सब मीडिया और सोशल मीडिया पर है, यहां जमीन पर कोई विवाद नहीं है। विवाद केवल कक्षा एक के छात्रों पर तीन भाषाओं के बोझ के बारे में तीसरी भाषा हिंदी क्यों होनी चाहिए इसके बारे में था। हम हिंदी के थोपने के विरोध में हैं।
महाराष्ट्र में बढ़ते भाषा विवाद पर मीडिया से बात करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा, “मुझे लगता है कि यह विवाद केवल पक्षपातपूर्ण मीडिया और सोशल मीडिया पर ही है। इसके अलावा महाराष्ट्र में हिंदी बनाम मराठी जैसी कोई बात नहीं है। यहां पर विवाद केवल कक्षा एक के छात्रों पर तीन भाषाओं के बोझ के बारे में था। हमारा तर्क केवल यह था कि आखिर तीसरी भाषा हिंदी ही क्यों होनी चाहिए.. हम हिंदी भाषा के थोपे जाने के विरोध में हैं।”
आदित्य ने महाराष्ट्र में मराठी भाषा की अस्मिता को लेकर कहा, “विवाद की पूरी वजह यह भी है कि हम अपने राज्य में अपनी मातृभाषा का अपमान नहीं सहेंगे.. बाकी महाराष्ट्र में कई भाषाएं बोली जाती हैं। हम भी हिंदी बोलते हैं.. आप भी हिंदी बोलते हैं.. हम बस किसी भी भाषा के थोपे जाने का विरोध करते हैं।”
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