
इंदौर, राजेश ज्वेल। बीते कई दिनों से सराफा कारोबारी और चौपाटी लगाने वाले दुकानदारों के बीच जो टकराव चल रहा था उसका आज दोपहर साढ़े 11 बजे से होने वाली बैठक में पटाक्षेप हो रहा है। शर्तों के साथ व्यापारी और दुकानदारों में समन्वय के चलते अब सराफा चौपाटी कायम रहेगी। मंत्री, महापौर के बाद विधायक में भी इस बात पर सहमति बन गई।
अग्रिबाण ने भी दोनों पक्षों से चर्चा कर बीच का रास्ता निकलवाने के जो प्रयास किए वह सार्थक भी हुए और आज साढ़े 11 बजे महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सराफा के व्यापारियों और दुकानदारों को एआईसीटीएसएल में चर्चा के लिए बुलाया है, जिसमें दोनों पक्षों के बीच तय शर्तों के साथ सहमति बनेगी, जिसमें चायनीज, मोमोज या अन्य दुकानें, ठेले नहीं लगेंगे। सिर्फ परम्परागत मालपुए, रबड़ी, आइसक्रीम, चाट सहित व्यंजनों की दुकानें ही रहेंगी और ये दुकानें भी रात 9 बजे के बाद खुलेंगी, जब सराफा कारोबारी अपनी दुकानें बंद कर लेंगे। इन सराफा कारोबारियों ने हालांकि शपथ-पत्र के साथ चौपाटी पूरी तरह से हटाने का ही दबाव बनाए रखा। मगर चूंकि राजनीतिक स्तर पर भी इन व्यापारियों को अधिक मदद नहीं मिल सकी और अब दोनों पक्षों की एक समिति भी बनेगी। महापौर इसके लिए तैयार भी हैं और आज की बैठक में सराफा चौपाटी को कायम रखने का ही निर्णय होगा।
त्योहार के चलते सराफा कारोबारी नहीं चाहते निगम से कोई टकराव…
सराफा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष हुकुम सोनी का स्पष्ट कहना है कि हमारे पास जो सभी व्यापारियों के शपथ-पत्र आए हैं, उसमें दो टूक सराफा चौपाटी पूरी तरह से हटाने की ही बात कही गई है और आज भी हम बैठक में अपनी यही बात रखेंगे और साथ में कुछ वरिष्ठ व्यापारियों को भी ले जा रहे हैं, ताकि वे भी निगम को वस्तु स्थिति बता सकें। सराफा की पहचान पूरे देश में सोना-चांदी के कारोबार से रही है। चौपाटी तो उसके बाद हमारी ही सहमति से शुरू हुई। मगर मुस्लिम युवकों की बढ़ती संख्या, छेड़छाड़ की घटनाओं सहित अन्य कारणों से चौपाटी हटाने की बात कहना पड़ी।
यह भी उल्लेखनीय है कि सराफा कारोबारियों के साथ क्षेत्र के अन्य गारमेंट सहित अन्य व्यापारी भी आए और सभी ने यह घोषणा भी कर दी कि वे देर रात तक अपनी दुकों खुली रखेंगे। महापौर भार्गव के साथ पिछली कारोबारियों की हुई बैठक असफल रही थी, जिसमें महापौर ने तो स्पष्ट कहा कि सराफा चौपाटी देश-विदेश में मशहूर है और उसे पूरी तरह से नहीं हटा सकते। कारोबारियों की यह मांग अवश्य मानी जाएगी कि चाइनीज सहित अन्य ठेले और दुकानें नहीं लगें, सिर्फ परम्परागत दुकानें ही लगें।
वहीं नगर निगम फायर सेफ्टी, साफ-सफाई, पार्किंग सुरक्षा सहित अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगा। महापौर ने आज सुबह अग्निबाण से चर्चा में बताया कि साढ़े 11 बजे की बैठक में टकराव खत्म होगा और उन्हें पूरा भरोसा है कि समन्वय के साथ समन्वय के साथ सराफा चौपाटी कायम रखने पर सभी कारोबारी भी मान जाएंगे। दूसरी तरफ कारोबारियों का भी कहना है कि वे त्योहार के चलते नगर निगम से कोई टकराव नहीं चाहते, क्योंकि चार दिन पहले नगर निगम की टीम नपती सहित अवैध निर्माणों की जांच करने पहुंची थी।
सराफा में चूंकि दुकानों को तोडक़र मार्केट बनाए गए हैं, जिनमें अवैध निर्माण भी हैं, जिसके चलते भी सराफा कारोबारियों को पीछे हटना पड़ा। काबिना मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी सराफा कारोबारियों को दो टूक सलाह दी कि वे महापौर से ही चर्चा करें और उनकी वे कोई मदद नहीं कर पाएंगे। दूसरी तरफ क्षेत्र की विधायक मालिनी गौड़ ने भी इस बात पर सहमति दी कि युक्तियुक्त और आपसी सहमति से हल निकले और कल रात विधायक की मौजूदगी में महानगर विकास परिषद् ने भी कारोबारियों से अनुरोध किया कि वे पुराने स्वाद वाली दुकानों को चालू रखने दें। वहीं कांग्रेस के शहर अध्यक्ष चिंटू चौकसे ने कहा कि सराफा बारूद के ढेर पर बैठा है और चौपाटी को गांधी हाल में शिफ्ट किया जाए।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved