
नई दिल्ली । सेना में भर्ती(recruitment in the army) के लिए आई अग्निवीर स्कीम(Agniveer Scheme) पर सवाल उठाए जाते रहे हैं। इस स्कीम के तहत अब तक 25 फीसदी जवानों(25 percent of the soldiers) को ही 4 साल के कार्यकाल के बाद भी नौकरी में बनाए रखने का प्रावधान है। अब इस लिमिट में बड़ा इजाफा हो सकता है और इसे 75 फीसदी तक किया जा सकता है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इस संबंध में जैसलमेर में आज आयोजित होने वाली आर्मी कमांडर्स की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी इसके बारे में कोई निर्णय हो सकता है। अहम बात यह है कि अगले साल ही अग्निवीरों के पहले बैच के 4 साल की अवधि पूरी हो रही है। ऐसे में इन लोगों को फायदा मिल सकता है और 75 फीसदी लोगों की सेना में सेवा बरकरार रहेगी।
मई में भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ ऐक्शन लेते हुए पाक में सक्रिय आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर किया था। उसके बाद आज पहली बार आर्मी कमांडर्स की कॉन्फ्रेंस होने वाली है। इस कॉन्फ्रेंस में सेना की टॉप लीडरशिप तमाम मसलों पर बात करती है और प्रमुख मुद्दा सुरक्षा की समीक्षा होता है। एक और विषय पर विचार हो सकता है कि सेना के पास रिटायर सैनिकों का एक बड़ा पूल है। इनकी सेवाओं का कैसे प्रयोग किया जा सकता है। इस पर भी विचार होगा। फिलहाल इन लोगों को आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसायटी, एक्स सर्विसमेन कॉन्ट्रिब्यूटरी हेल्थ स्कीम में ही लगाया गया है।
अब इन लोगों की भागीदारी को बढ़ाने पर भी विचार होगा। मौजूदा सैनिकों के कल्याण के लिए भी कुछ फैसले लिए जा सकते हैं। सबसे अहम मसला यह होगा कि कैसे तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बने और जॉइंट कमांड में काम हो सके। कोलकाता में बीते महीने कंबाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ था। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी भी पहुंचे थे। उस मीटिंग में सरकार की ओर से ऐलान हुआ था कि तीन जॉइंट मिलिट्री स्टेशन बनेंगे।
इसके अलावा आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की शैक्षणिक शाखाओं का विलय किया जाएगा। यदि कोई हमला होता है या कोई ऑपरेशन करना है तो भारतीय बल कितनी देर में तैयार हो सकते हैं। हथियारों या विमानों की रिपेयर में कितना टाइम लग सकता है। इन मसलों पर भी आज बात होगी।
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