
इंदौर। अब तक रोबोटिक्स (Robotics) और AI जैसी आधुनिक तकनीकी (Modern Technology) शिक्षा बड़े और महंगे CBSE स्कूलों (School) तक ही सीमित मानी जाती थी। लेकिन इंदौर का एम के वी वी स्कूल, जो एक सिमित, प्राइवेट एम पी बोर्ड स्कूल है, ने इस सोच को पूरी तरह बदल दिया है। सीमित संसाधनों के बावजूद स्कूल के छात्रों ने ह्यूमनोइड रोबोट और ए आई आधारित प्रोजेक्ट्स तैयार कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
शहर के कुम्हारखाड़ी क्षेत्र में स्थित एम के वी वी स्कूल ने सीमित संसाधनों के बावजूद शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। लगभग 19 वर्ष पूर्व स्थापित यह एम.पी. बोर्ड स्कूल बीते 10 वर्षों से लगातार रोबोटिक्स और आधुनिक तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा दे रहा है। स्कूल में विद्यार्थियों को शुरुआती स्तर से ही रोबोटिक्स से जोड़ने का परिणाम यह है कि आज यहां के छात्र स्वयं ह्यूमनोइड रोबोट, ए आई आधारित एप्लिकेशन, ड्रोन और 3D प्रिंटेड मशीन पार्ट्स तैयार कर रहे हैं।
रोबोटिक्स के 10 वर्ष पूर्ण होने पर टेक फेस्ट का आयोजन
रोबोटिक्स शिक्षा के सफल 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में विद्यालय द्वारा रोबोलागस टेक फेस्ट का आयोजन किया गया। यह टेक फेस्ट 7 दिनों तक चला, जिसमें विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए रोबोट्स, वर्किंग मॉडल्स, मशीनरी प्रोजेक्ट्स और इनोवेटिव आइडियाज़ को प्रदर्शित किया गया। इस दौरान छात्रों को ह्यूमनोइड रोबोटिक्स, वेबसाइट एवं ऐप डेवलपमेंट, ड्रोन मेकिंग, 3D प्रिंटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे विषयों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।
बिना इंजीनियर की मदद से बने ह्यूमनोइड रोबोट्स
टेक फेस्ट में विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए ह्यूमनोइड रोबोट्स विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
इन तीनों रोबोट्स को छात्रों ने बिना किसी बाहरी इंजीनियर की सहायता से तैयार किया है। विद्यालय इन्हें गर्व से “प्राउडली मेड इन एम के वी वी ” कहता है।
AI फीमेल रोबोट ‘नोवा’ बना आकर्षण
टेक फेस्ट में प्रदर्शित “नोवा” नामक फुली AI बेस्ड फीमेल रोबोट विद्यार्थियों के लिए विशेष आकर्षण रहा। इसे दिल्ली के इंजीनियर्स के तकनीकी सहयोग से विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य स्कूल स्तर पर ही विद्यार्थियों को कॉलेज-स्तरीय तकनीकी वातावरण प्रदान करना है।
विद्यालय संचालक का विज़न
विद्यालय के संचालक विनय तिवारी (MCA) पिछले 19 वर्षों से विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं। वे मेक इन इंडिया विचारधारा के समर्थक हैं और मानते हैं कि भारत में मौजूद सैकड़ों अनुसंधान संस्थानों के लिए तकनीकी रूप से सक्षम युवाओं की आवश्यकता है। उनका लक्ष्य है कि MKVV के विद्यार्थी उन्नत तकनीकी ज्ञान के साथ देश में रहकर भारत का नाम रोशन करें।
कार्यक्रम की प्रमुख झलकियां
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