
डेस्क: अहमदाबाद (Ahmedabad) में हुए एअर इंडिया (Air India) प्लेन क्रैश (Plane Crash) के मामले की गूंज अब विदेशों में भी सुनाई दे रही है. लंदन (London) की एक एक लॉ फर्म कीस्टोन (Law Firm Keystone) ने गुरुवार (3 जुलाई 2025) के दिन अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया फ्लाइट AI-171 हादसे को लेकर कुछ गंभीर सवाल उठाए हैं. इस विमान हादसे में कुल 260 लोगों की जान गई थी.
यह बात तब सामने आई, जब विमान दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले कई ब्रिटिश परिवारों ने जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट आने के बाद की स्थिति में ‘गंभीर सवालों’ के जवाब के लिए औपचारिक रूप से इसे अपने पास रख लिया. रिपोर्ट के अनुसार, कीस्टोन लॉ फर्म ने कहा कि इस घटना के बाद अंतर्राष्ट्रीय टीम की तरफ से बताए गए कारणों में दो बातें काफी गौर करने वाली हैं, ‘रैम एयर टर्बाइन की तैनाती का कारण और दोनों इंजनों में थ्रस्ट का एक साथ काम ना करना.’
कहा जा रहा है कि कंपनी के विमानन साझेदार जेम्स हीली-प्रैट और ओवेन हन्ना, लगभग 20 ब्रिटिश परिवारों के साथ ‘निकटता से काम कर रहे हैं’. साथ ही वे एअर इंडिया और उसके विमान बीमाकर्ताओं की ओर से अंतरिम भुगतान से संबंधित नियुक्त लंदन के वकीलों के साथ भी काम कर रहे हैं.
हीली-प्रैट के हवाले से कहा, ‘एआई171 हादसे में अपनों को खोने वाले परिवारों के लिए काफी संवेदनशील समय है और हम ब्रिटेन और अमेरिका में विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से उनका समर्थन कर रहे हैं. विमान सुरक्षा को देखते हुए हमारी जांच टीम का मानना है कि आरएटी (Remote Access Trojan) को स्वचालित रूप से तैनात किया गया था, लेकिन टेक ऑफ के आसपास सिस्टम की गड़बड़ी का संकेत मिलता है.
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